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इस दिन से शिव कहलाए त्रिपुरारी, देवता मनाते हैं दीपावली

हिंदू धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्‍व है। इसी माह में कई बड़े त्‍योहार मनाए जाते हैं। इस माह को आध्यात्मिक एवं शारीरिक ऊर्जा संचय के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस पूरे माह सूर्य उदय से...

इस दिन से शिव कहलाए त्रिपुरारी, देवता मनाते हैं दीपावली
लाइव हिन्दुस्तान टीम,meerutSat, 09 Nov 2019 01:18 PM
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हिंदू धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्‍व है। इसी माह में कई बड़े त्‍योहार मनाए जाते हैं। इस माह को आध्यात्मिक एवं शारीरिक ऊर्जा संचय के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस पूरे माह सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान करने का काफी महत्‍व है। इस माह आने वाली पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्‍नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखना विशेष फलदायी माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की दीपावली के रूप में मनाया जाता है।

कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा, त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान ब्रह्मा का ब्रह्म सरोवर पुष्कर में अवतरण हुआ था। इस दिन भगवान शिव ने प्रदोष काल में अर्धनारीश्वर रूप में त्रिपुरासुर का वध किया और भगवान विष्णु ने भगवान शिव को त्रिपुरारी नाम दिया। इसी दिन देवताओं ने शिवलोक काशी में आकर दीपावली मनाई। इस दिन काशी में दीप दान करने से पूर्वजों को मुक्ति मिलती है। इसी दिन भगवान विष्णु ने धर्म, वेदों की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण किया। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अराधना करें। इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन ब्राह्मणों को अपनी सामर्थय के अनुसार दान अवश्य करें। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन किए गए दान का फल दोगुना हो जाता है। इस दिन गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है, पापों का नाश होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्री सत्यनारायण कथा का श्रवण, गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से प्राणी पापमुक्त होकर श्री हरि भगवान विष्णु की कृपा का पात्र बन जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक देव का जन्म हुआ। इस पूर्णिमा को गुरु पर्व भी कहा जाता है। इस दिवस को प्रकाशोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

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