Kartik Purnima 2019 : कार्तिक पूर्णिमा पर इन चीजों को दान करना होता है शुभ, जानें इस पर्व का महत्व और पूजन विधि
कहते हैं, जीवन में दान-पुण्य करना कभी भी व्यर्थ नहीं जाता। जरुरतमंदों की मदद करना सबसे उत्तम कार्य माना जाता है। वहीं, धार्मिक कार्यों और दान की महिमा का महत्व किसी विशेष त्योहार पर और भी बढ़ जाती है।...
कहते हैं, जीवन में दान-पुण्य करना कभी भी व्यर्थ नहीं जाता। जरुरतमंदों की मदद करना सबसे उत्तम कार्य माना जाता है। वहीं, धार्मिक कार्यों और दान की महिमा का महत्व किसी विशेष त्योहार पर और भी बढ़ जाती है। जैसे का,र्तिक पूर्णिमा पर धार्मिक कार्य करने का आपको दुगुना फल मिलता है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 12 नवम्बर को मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव शंकर की पूजा करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन 6 कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है। गंगा स्नान के बाद दीप दान का भी महत्व है। इस दिन मौसमी फल (संतरा,सेब,शरीफा आदि), उड़द दाल, चावल और उजली चीजों का आदि का दान शुभ माना गया है।
कार्तिक पूर्णिमा की पूजन विधि
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए, यदि आप गंगा स्नान करने नहीं जा सकते हैं तो आप घर में ही थोड़ा सा गंगाजल नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करें। कार्तिक पूर्णिमा के दिन आपको गाय, दूध, केले, खजूर, अमरूद, चावल, तिल और आवंले का दान जरूर करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्राह्मण, बहन और बुआ को अपनी श्रद्धा के अनुसार वस्त्र और दक्षिणा जरूर दें। आपको पूजा करने के बाद घर में दीपक जरुर जलाना चाहिए। इस दिन जितना हो सके दान करना चाहिए।
भगवान विष्णु का हुआ था मत्स्यावतार
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही संध्या काल में भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था, इसलिए इस दिन विष्णु जी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप दान का पुण्य फल दस यज्ञों के बराबर होता है।