Kaal Bhairav Jayanti 2019: घर से नकारात्मक शक्तियां दूर करनी हो या फिर शत्रुओं पर विजय पानी हो, काल भैरव अपने भक्तों पर सदैव कृपा बनाए रखते हैं। हिंदु पंचांग के अनुसार इस बार 19 नवंबर, मंगलवार को काल भैरव अष्टमी मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन प्रभु काल भैरव की उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होने के साथ उसके सभी शत्रुओं का नाश होता है। हिंदू धर्म में काल भैरव को भगवान शिव का ही स्वरूप माना जाता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से व्यक्ति के सभी संकट भी दूर हो जाते हैं। ऐसे में पूजा के शुभ मुहुर्त के साथ जानते हैं किस चीज के प्रसाद का भोग लगाने से काल भैरव भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं।
काल भैरव की पूजा करने का शुभ मुहूर्त-
काल भैरव अष्टमी की शुरुआत 19 नवंबर को शाम 3 बजकर 35 मिनट पर हो जाएगी।
काल भैरव अष्टमी का समापन 20 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 41 मिनट पर होगा।
काल भैरव अष्टमी का प्रसाद-
काल भैरव अष्टमी के दिन भगवान भैरव को काली उड़द की दाल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। इस दिन काली उड़द की दाल से बनी हर चीज को सरसों के तेल में बनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन उड़द दाल से बने दही बड़े, गुलगुले, कचौड़ी आदि का भोग लगाने से काल भैरव भक्तों पर झट से प्रसन्न होते हैं।
काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप-
अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,
भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!