ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News AstrologyJiutia vrat 2019 Jitiya Vrat 2019 tommorrow know Date Time Importance Puja Vidhi Shubh muhurat vrat katha jivitputrika

Jiutia vrat 2019: जिउतिया व्रत आज, व्रतियों ने नहाय-खाय कर लिया संकल्प

Jiutia vrat 2019: पंचांगों और पंडितों के एकमत नहीं होने से इस बार जिउतिया महापर्व का व्रत दो दिन का हो गया है। विश्वविद्यालय और मिथिला पंचांग से चलने वाली सनातन धर्मावलंबी महिलाओं ने आश्विन कृष्ण...

Jiutia vrat 2019: जिउतिया व्रत आज, व्रतियों ने नहाय-खाय कर लिया संकल्प
प्रधान संवाददाता,पटनाSat, 21 Sep 2019 12:52 AM
ऐप पर पढ़ें

Jiutia vrat 2019: पंचांगों और पंडितों के एकमत नहीं होने से इस बार जिउतिया महापर्व का व्रत दो दिन का हो गया है। विश्वविद्यालय और मिथिला पंचांग से चलने वाली सनातन धर्मावलंबी महिलाओं ने आश्विन कृष्ण पक्ष सप्तमी शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ जिउतिया महाव्रत का संकल्प लिया। वंश वृद्धि व संतान की लंबी आयु के लिए शनिवार को महिलाएं निर्जला जिउतिया व्रत रखेंगी। 

व्रत के दौरान लगभग 33 घंटे तक व्रती अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगी। व्रत का पारण रविवार की दोपहर तीन बजे होगा। इधर जिउतिया को लेकर शहर के तमाम बाजारों में चहल-पहल रही। देर शाम तक खरीदारी होती रही। खासकर नोनी साग, झिंगनी (सुतपुटिया), कंदा सहित फलों के भाव चढ़े रहे। नोनी साग और झिंगनी तो सौ-सौ रुपए किलो बिके। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में जिउतिया की अधिक धूमधाम रहती है। वहीं बनारस पंचांग के हिसाब से चलने वाली महिलाएं शनिवार को जिउतिया के लिए नहाय-खाए करेंगी और रविवार को चौबीस घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी। सोमवार की सुबह व्रती महिलाएं पारण करेंगी।  

Jjiutia vrat 2019: जितिया व्रत को लेकर पंडित-पंचांग एकमत नहीं, जानें किस दिन होगा जिउतिया व्रत

व्रत से पहले व्रती करेंगी ओठगन, सरगही 
व्रत व्रत शुरू होने के पहले सूर्योदय से पहले  महिलाएं सरगही-ओठगन भी  करेंगी। घरों में ओठगन के लिए पुआ,पूड़ी, ठेकुआ, पिरुकिया आदि देर शाम में ही बना लिया गया था। पंडितों के अनुसार शनिवार को महिलाएं कुश के जीमूतवाहन बनाकर उनकी पूरे विधि-विधान से पूजा करेंगी। साथ ही  मिट्टी-गोबर से सियारिन व चूल्होरिन की प्रतिमा बनाकर भी जिउतिया पूजा करेंगी। फिर पंडित से जीमूतवाहन की कथा सुनी जाएगी। 

जिउतिया व्रत: इस बार 33 घंटे का निर्जला जिउतिया व्रत करेंगी महिलाएं

जिउतिया की कथा... शिव ने सुनायी थी पार्वती को कहानी 
जीमूतवाहन की कथा सबसे पहले भगवान शिव ने माता पार्वती को सुनायी थी। कथा एक चूल्होरिन व सियारिन की है। दोनों ने आश्विन कृष्ण अष्टमी को जीमूतवाहन का व्रत रखा पर सियारिन को भूख बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने मांस खा लिया। पर चूल्होरिन ने पूरी निष्ठा से व्रत रखा। अगले जन्म में दोनों एक ब्राह्मण की बेटी के रूप  में जन्म लिया। चूल्होरिन  (अब शीलावती) की शादी मंत्री से और सियारिन(अब कर्पूरावती) की राजा मलयकेतु से हुआ। दोनों को एक के बाद एक  सात पुत्र हुए पर सियारिन के सातों पुत्रों की मौत हो गई और चुल्होरिन की जीवित रहे। इससे सियारिन नाराज हो गई व पति से चूल्होरिन के सातों बेटे के सिर काटकर लाने को कहा। राजा मलय ने ऐसा ही किया पर रानी के पास बच्चों के कटे सिर नारियल बन गए व जीमूतवाहन की कृपा से सातों पुत्र जीवित हो गए। कर्पूरावती क्रोध में आकर शीलावती को मारने दौड़ीं पर उसने किसी तरह उसे शांत किया। साथ ही उसे पिछले जन्म की बात बताई तो कर्पूरावती को आत्मग्लानि हुई व उसके प्राण निकल गए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें