Janmashtami 2019: इस मंदिर में जन्माष्टमी से पहले मनती है छठी
सुनने में कुछ अटपटा लगेगा पर मुरादाबाद के एक मंदिर दाऊ जी की हवेली में जन्माष्टमी से एक दिन पहले कृष्ण की छठी मनाई जाती है। इस मंदिर में एक और अलग प्रथा है। पूरा देश 24 अगस्त को नंदोत्सव मनाएगा उस...
सुनने में कुछ अटपटा लगेगा पर मुरादाबाद के एक मंदिर दाऊ जी की हवेली में जन्माष्टमी से एक दिन पहले कृष्ण की छठी मनाई जाती है। इस मंदिर में एक और अलग प्रथा है। पूरा देश 24 अगस्त को नंदोत्सव मनाएगा उस दिन यहां जन्मोत्सव और इसके अगले दिन नंदोत्सव मनाया जाएगा।
दरअसल गुजराती मोहल्ला स्थित दाऊ जी की हवेली पुष्टि मार्गी है। पुष्टि मार्गी वर्ग अपनी मान्यता के अनुसार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाता है। दाऊ जी की हवेली के मुखिया अशोक द्विवेदी बताते हैं कि भगवान कृष्ण के जन्म के उल्लास में मथुरावासी उनकी छठी मनाना भूल गए थे। अगले वर्ष उनका जन्मदिन आने पर सखियों ने माता यशोदा को बताया की हमने कान्हा की छठी नहीं मनाई। इसके कारण जन्मदिन से एक दिन पहले धूमधाम से छठी मनाई गई। तभी से पुष्टि मार्गी श्री कृष्ण के जन्मदिन से एक दिन पहले छठी बनाते हैं। इ मनाई जाएगी। इसके बाद पहले छठी और बाद में जन्मोत्सव एवं नंदोत्सव मनाने की परम्परा पड़ी। उन्होंने बताया कि जन्मोत्सव 24 की रात बारह बजे मनेगा और पच्चीस को नंदोत्सव में सुबह दस से साढ़े ग्यारह बजे तक पालने में ठाकुर जी के दर्शन कराए जाएंगे।
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ये हैं पुष्टि मार्गी
पुष्टि मार्ग की स्थापना जगद् गुरु वल्लभाचार्य ने लगभग पांच सौ वर्ष पहले की थी। देश में इनके सात प्रमुख पीठ हैं। मुख्य पीठ उदयुपर में 'नाथद्वारा' है। देश में इनके एवं इनके वंशज के करोड़ों अनुयायी हैं। अष्टछाप के कवि भी इनके ही अनुयायी हैं। मंदिरों के आयोजनों में इन ही कवियों के गीत, भजन आदि गाए जाते हैं।