पूजा के बाद करें ये काम मिलेगी मानसिक शांति
पूजा करने के साथ या बाद में देवी-देवताओं के समक्ष घंटी बजाना पुरानी परंपरा है। घंटी बजाने का धार्मिक महत्व भी हैं और वैज्ञानिक महत्व भी हैं। कहा जाता है कि जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन...
पूजा करने के साथ या बाद में देवी-देवताओं के समक्ष घंटी बजाना पुरानी परंपरा है। घंटी बजाने का धार्मिक महत्व भी हैं और वैज्ञानिक महत्व भी हैं। कहा जाता है कि जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है। इस कंपन का फायदा यह है कि इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु नष्ट हो जाते है। जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है।
देवी-देवताओं की आरती, घंटी के नाद के बिना पूर्ण नहीं हो सकती है। भगवान की आरती में कई प्रकार के वाद्य यंत्र बजाए जाते हैं, इनमें घंटी भी महत्वपूर्ण है। घंटी की ध्वनि मन, मस्तिष्क और शरीर को ऊर्जा प्रकार प्रदान करती है। इस ऊर्जा से बुद्धि तेज होती है। मंदिरों में जब भी आरती होती है तो घंटी की आवाज से वहां उपस्थित लोग खुद को तनाव मुक्त महसूस करते हैं। वहीं मंदिर के बाहर घंटी लगाने को नाद का प्रतीक माना गया है।
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इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।