Hindi Newsधर्म न्यूज़Horoscope Pisces Horoscope 2023: Shani Sade Sati on this zodiac till June 2027 understand these points Horoscope

मीन राशि का राशिफल 2023: इस राशि पर शुरू होगी शनि की साढ़ेसाती, जून 2027 तक रहेगी, इन प्वांइट्स से समझें

व्यक्ति जब कर्म करता है तो चाहता है कि उसके कर्म का फल शीघ्र ही प्राप्त हो । ऐसे में कुंडली में विद्यमान ग्रहों की स्थिति के साथ-साथ ग्रहों के गोचर का भी विशेष प्रभाव पड़ता है । जब कोई ग्रह गोचर में अ

Anuradha Pandey पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली, नई दिल्लीSun, 1 Jan 2023 07:25 AM
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व्यक्ति जब कर्म करता है तो चाहता है कि उसके कर्म का फल शीघ्र ही प्राप्त हो । ऐसे में कुंडली में विद्यमान ग्रहों की स्थिति के साथ-साथ ग्रहों के गोचर का भी विशेष प्रभाव पड़ता है । जब कोई ग्रह गोचर में अच्छी स्थिति में पहुंचता है तो उसके परिणाम में सकारात्मकता दिखती है । उसी प्रकार जब कोई ग्रह गोचर में खराब स्थिति में पहुंचता है, तो नकारात्मक प्रभाव भी दिखाई पड़ता है। वर्ष 2023 के पहले महीने जनवरी कि 17 तारीख अर्थात माघ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि की रात में 4 बजकर 30 मिनट पर अपनी दूसरी राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। कुंभ राशि को व्यक्ति के कर्म के फल को प्रदान करने वाला राशि माना जाता है। ऐसे में शनि का यह परिवर्तन निश्चित तौर पर बड़ा परिवर्तन साबित होने जा रहा है ।

मीन राशि वालों के लिए चढ़ती साढ़ेसाती के रूप में प्रभाव स्थापित करने जा रहे हैं। मीन राशि वालों के लिए यह साढ़ेसाती 17 जनवरी की रात 4:30 बजे से जून 2027 तक चलती रहेगी । इस साढ़ेसाती में किस प्रकार का प्रभाव स्थापित करेंगे शनिदेव यह जानना विशेष तौर पर महत्वपूर्ण है।
मीन :- शनि के कुंभ राशि में गोचरीय परिवर्तन के साथ ही मीन राशि वालों के लिए साढ़ेसाती का आरंभ हो जाएगा। चढ़ती साढ़ेसाती के प्रभाव से कई प्रकार का परिवर्तन मीन राशि वालों के जीवन में आएगा । मीन लग्न अथवा मीन राशि के लिए शनि देव लाभ एवं खर्च दोनों की कारक होते है। इसी के कारण ज्यादा शुभ फल प्रदायक नही माने जाते हैं। शनि का परिवर्तन मीन राशि वालों के द्वादश भाव अर्थात व्यय भाव पर होगा। यह परिवर्तन अच्छा प्रभाव उत्पन्न करने की स्थिति नहीं बना रहा। व्ययेश का व्यय भाव में होना विपरीत राजयोग का निर्माण भी कराता है। शनि देव व्ययेश होकर ही व्यय में स्वगृही गोचर करेंगे ऐसे में निश्चित तौर पर नकारात्मक प्रभाव में कमी करते हुए नकारात्मकता में भी सकारात्मक परिणाम प्रदान करेंगे । अतः यहाँ गोचर कर रहे शनि देव व्यापारिक गतिविधियों को लेकर के खर्च भी करा सकते हैं। व्यापारिक विस्तार भी कराएंगे, दूर की यात्राओं पर खर्च भी कराएंगे। आंखों की समस्या को लेकर के भी तनाव उत्पन्न कर सकते हैं। प्रत्येक प्रकार के भोगों की प्राप्ति कराएंगे।

*द्वादश भाव में गोचर करते हुए शनि देव की तृतीय दृष्टि धन भाव मेष राशि पर नीच की होगी । ऐसे में वाणी से संबंधित कार्यों में अवरोध के साथ-साथ बोलचाल में भी तीव्रता हो सकती है । पारिवारिक कार्यों को लेकर किसी न किसी प्रकार का तनाव बना रहेगा । दांत व गले की समस्या भी उत्पन्न हो सकता है । वाणी व्यवसाय जैसे वकालत अध्यापन कंसलटेंसी सेल्स मार्केट सहित अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए यह गोचर अवरोधक होगा । अचानक से खर्च में बढ़ोतरी हो सकता है। 

*शनि देव की अगली दृष्टि सप्तम दृष्टि षष्ठ भाव रोग, कर्ज एवं शत्रु के भाव पर होगा। ऐसे में रोग से मुक्ति, पुराने रोगों का इलाज सफल होगा । शत्रु पर विजय प्राप्ति की स्थिति बनेगी। पुराना चल रहा विवाद भी समाप्त होगा। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी समय अनुकूल बना रहेगा । परंतु पेट व पैर की समस्या से तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकता है। किडनी की समस्या विशेषकर पथरी की समस्या से सतर्क रहें।

 *शनिदेव की अगली दृष्टि दसवीं दृष्टि भाग्य भाव वृश्चिक राशि पर होगा । ऐसे में भाग्य में अवरोध हो सकता है। कार्यों में सामान्यतः देरी हो सकता है। पिता का स्वास्थ्य तनाव दे सकता है । अतः सावधान रहने की आवश्यकता है। पैतृक संपत्ति को लेकर भी विवाद उत्पन्न हो सकता है। 

            इस प्रकार मीन लग्न अथवा मीन राशि वालों के लिए शनिदेव का परिवर्तन सामान्य फल प्रदायक ही होगा । यदि मूल कुंडली में इनकी स्थिति ठीक नहीं है तब इस गोचर में नकारात्मक फल ज्यादा प्राप्त होगा। खर्च में बढ़ोतरी मानसिक चिंता, कार्यों में अवरोध, पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता आदि की समस्या बना रह सकता है। 

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