ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News AstrologyGuru Pradosh Vrat 2023 Katha Kahani Shiv Ji Puja

Guru Pradosh Vrat Katha Kahani : गुरु प्रदोष व्रत के दिन जरूर करें इस कथा का पाठ, हर मनोकामना होगी पूरी

Guru Pradosh Vrat 2023 Katha in Hindi:  2 फरवरी 2023, गुरुवार को गुरु प्रदोष व्रत है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। प्रदोष व्रत भगवान शंकर को समर्पित होता है।

Guru Pradosh Vrat Katha Kahani : गुरु प्रदोष व्रत के दिन जरूर करें इस कथा का पाठ, हर मनोकामना होगी पूरी
Yogesh Joshiलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीThu, 02 Feb 2023 05:30 AM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

Guru Pradosh Vrat Katha in Hindi:  2 फरवरी 2023, गुरुवार को गुरु प्रदोष व्रत है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। प्रदोष व्रत भगवान शंकर को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत में विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत में व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। प्रदोष व्रत कथा का पाठ करने से भगवान शंकर की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भोलेनाथ की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। यहां पढ़ें गुरु प्रदोष व्रत-

गुरु प्रदोष व्रत कथा (Guru Pradosh Vrat Katha)-

पौराणिक कथा के अनुसार एक नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी। उसके पति का स्वर्गवास हो गया था। उसका अब कोई सहारा नहीं था इसलिए वह सुबह होते ही वह अपने पुत्र के साथ भीख मांगने निकल पड़ती थी। वह खुद का और अपने पुत्र का पेट पालती थी।

एक दिन ब्राह्मणी घर लौट रही थी तो उसे एक लड़का घायल अवस्था में कराहता हुआ मिला। ब्राह्मणी दयावश उसे अपने घर ले आई। वह लड़का विदर्भ का राजकुमार था। शत्रु सैनिकों ने उसके राज्य पर आक्रमण कर उसके पिता को बंदी बना लिया था और राज्य पर नियंत्रण कर लिया था इसलिए वह मारा-मारा फिर रहा था। राजकुमार ब्राह्मण-पुत्र के साथ ब्राह्मणी के घर रहने लगा।

7 फरवरी से शुरू होंगे इन राशियों के अच्छे दिन, बुध देव चमाकएंगे किस्मत, देखें क्या आपको भी होगा लाभ

एक दिन अंशुमति नामक एक गंधर्व कन्या ने राजकुमार को देखा तो वह उस पर मोहित हो गई। अगले दिन अंशुमति अपने माता-पिता को राजकुमार से मिलाने लाई। उन्हें भी राजकुमार पसंद आ गया। कुछ दिनों बाद अंशुमति के माता-पिता को शंकर भगवान ने स्वप्न में आदेश दिया कि राजकुमार और अंशुमति का विवाह कर दिया जाए। वैसा ही किया गया।

Rashifal : 2 फरवरी को इन 5 राशियों का चमकेगा सोया हुआ भाग्य, बनेंगे बिगड़े हुए काम, पढ़ें मेष से लेकर मीन राशि तक का हाल

ब्राह्मणी प्रदोष व्रत करने के साथ ही भगवान शंकर की पूजा-पाठ किया करती थी। प्रदोष व्रत के प्रभाव और गंधर्वराज की सेना की सहायता से राजकुमार ने विदर्भ से शत्रुओं को खदेड़ दिया और पिता के साथ फिर से सुखपूर्वक रहने लगा। राजकुमार ने ब्राह्मण-पुत्र को अपना प्रधानमंत्री बनाया। मान्यता है कि जैसे ब्राह्मणी के प्रदोष व्रत के प्रभाव से दिन बदले, वैसे ही भगवान शंकर अपने भक्तों के दिन फेरते हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें