कुंभ राशि में विराजमान देवगुरु बृहस्पति ऐसे चमका सकते हैं आपकी किस्मत
ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को सबसे लाभकारी ग्रह माना जाता है। बृहस्पति ग्रह सफलता, सौभाग्य, करियर, तरक्की और सुख-समृद्धि का कारक है। 5 अप्रैल को गुरु ने कुंभ राशि में गोचर किया था। जो कि...
ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को सबसे लाभकारी ग्रह माना जाता है। बृहस्पति ग्रह सफलता, सौभाग्य, करियर, तरक्की और सुख-समृद्धि का कारक है। 5 अप्रैल को गुरु ने कुंभ राशि में गोचर किया था। जो कि 2022 सितंबर तक इसी राशि में रहेंगे। गुरु राशि परिवर्तन करने के लिए 13 महीने का समय लेते हैं। अगर कुंडली में गुरु की स्थिति अशुभ होती है तो इस दौरान जातक को आर्थिक के साथ कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जानिए किन ज्योतिष उपायों से देवगुरु बृहस्पति को अनुकूल बना सकते हैं।
मिलेगा भाग्य का साथ-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु ग्रह को कुंडली में अनुकूल बनाने के लिए केसर का उपाय करना चाहिए। बृहस्पति ग्रह की स्थिति शुभ करने के लिए हर दिन केसर का तिलक लगाना चाहिए। इसके लिए केसर के रेशे पर पानी की बूंद डालकर उसके छोड़े गए रंग से अनामिका अंगुली से तिलक लगाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से भाग्य का साथ मिलता है।
ताकतवर के साथ भाग्यशाली होते हैं ये 3 राशि वाले, अपने दम पर पाते हैं सफलता
करियर में मिलेगी सफलता
कुंडली में गुरु की स्थिति शुभ करने के लिए गुरुवार के दिन नहाने के पानी में हल्दी मिलाएं और फिर स्नान करें। इस दौरान ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से करियर में सफलता या तरक्की मिलने के प्रबल योग बनते हैं।
धन प्राप्ति के लिए करें ये उपाय-
कुंडली में गुरुदेव बृहस्पति की स्थिति अनुकूल करने के लिए केले के वृक्ष की जड़ धारण कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से नौकरी और विवाह संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और साथ ही धन प्राप्ति के रास्ते बनते हैं।
औषधियों में गिलोय है सर्वोपरि, सेहतमंद रहने के लिए जान लें आचार्य चाणक्य की ये बातें
गुरुदोष से मिलती है मुक्ति-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में गुरु की स्थिति सुधारने के लिए गुरु, माता-पिता, भाई-बहन और घर के बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए। इसके साथ ही गरीबों की मदद करनी चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से कुंडली में गुरु की स्थिति अनुकूल होती है।
आर्थिक तंगी होगी दूर-
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति अनुकूल करने के लिए गुरुवार के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम या सतनाम स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। गुरुवार के दिन किसी भी तरह का पैसों का लेन-देन करने से बचना चाहिए।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)