Gupt Navratri : कल से गुप्त नवरात्र के साथ शुरू होगी देवी की आराधना, ज्योतिषाचार्य से जानें शुभ मुहूर्त और पूजा- विधि
आचार्य मुकेश मिश्र ने बताया कि आषाढ मास में मनाई जाने वाली गुप्त नवरात्रि इसबार प्रतिपदा 30 जून से आठ जुलाई तक रहेगी। गुरुवार की अहले सुबह 5.20 से 6.45 और अभिजीत मुहूर्त में 11.42 बजे से लेकर 12.39 तक
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शक्ति की देवी मां दुर्गे की आराधना का गुप्त नवरात्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। नवरात्र में 30 जून से आठ जुलाई तक देवी मां की विशेष रूप से पाठ व पूजा होगी। अधिकतर साधक लोग ही गुप्त नवरात्र करेंगे। मां मंगलागौरी व बगला स्थान सहित अन्य मंदिरों में साधक माता का पाठ करेंगे।
आचार्य मुकेश मिश्र ने बताया कि आषाढ मास में मनाई जाने वाली गुप्त नवरात्रि इसबार प्रतिपदा 30 जून से आठ जुलाई तक रहेगी। गुरुवार की अहले सुबह 5.20 से 6.45 और अभिजीत मुहूर्त में 11.42 बजे से लेकर 12.39 तक कलश स्थापना का समय है। पुराणों की मान्यता के अनुसार गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गे की 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है।
बताया कि साल में चार नवरात्र होते हैं। दो प्रत्यक्ष और दो अप्रत्यक्ष। प्रत्यक्ष तौर पर चैत्र और आश्विन की महीने में मनाई जाती हैं, और अप्रत्यक्ष यानी कि गुप्त आषाढ़ और माघ मास में नवरात्र मनाई जाती हैं। माघ व आषाढ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इसमें गुप्त रूप से शिव व शक्ति की उपासना की जाती है। जबकि चैत्र व शारदीय नवरात्रि में सार्वजिनक रूप में माता की भक्ति करने का विधान है। आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि में वामाचार उपासना की जाती है। माघ में गुप्त नवरात्र में वामाचार पद्धति को अधिक मान्यता नहीं दी गई है। ग्रंथों के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष का भी विशेष महत्व है।