ट्रेंडिंग न्यूज़

इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को सुनाई थी गीता

मार्गशीर्ष मास में शुक्ल एकादशी के दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को श्रीमद्भगवद गीता सुनाई थी। यह तिथि गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी के नाम से भी जानी जाती है। इस दिन...

इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को सुनाई थी गीता
लाइव हिन्दुस्तान टीम,meerutSun, 16 Dec 2018 02:37 AM
ऐप पर पढ़ें

मार्गशीर्ष मास में शुक्ल एकादशी के दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को श्रीमद्भगवद गीता सुनाई थी। यह तिथि गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी के नाम से भी जानी जाती है। इस दिन गीता के 11वें अध्याय का पाठ करने का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने से व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

भागवत गीता एक दिव्य ग्रंथ है। यह भक्तों के प्रति भगवान द्वारा प्रेम में गाया हुआ गीत है। गीता मंगलमय जीवन का ग्रंथ है। गीता मरना सिखाती है तो जीवन को धन्य बनाती है। जीवन उत्थान के लिए इसका स्वाध्याय हर व्यक्ति को करना चाहिए। गीता केवल ग्रंथ नहीं, कलियुग के पापों का क्षय करने का माध्यम है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गीता का पूजन शुभ फलदायक है। ब्राह्मण को भोजन करा दान देने से विशेष फल प्राप्त होता है। इस दिन भागवत गीता की पूजा कर आरती करनी चाहिए। इसके पश्चात गीता का पाठ करना चाहिए। इससे महापुण्य की प्राप्त होती है। पूरे दिन भगवान विष्णु के नाम का जप करते हुए भजन-कीर्तन के साथ रात्रि जागरण करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन जो कोई किसी योग्य व्यक्ति को भागवत गीता उपहार स्वरूप देता है, वह भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करता है।

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें