Ganesha Chaturthi: आज से गणेशोत्सव शुरू, गणपति पंडाल में दिखेगी चंद्रयान की झांकी
देशभर में सोमवार से 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत हो गई हैं और तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं। गणेश उत्सव केवल उत्तर भारत में ही नहीं दक्षिण भारत में भी मनाया जाता है। कर्नाटक में इस उत्सव को...
देशभर में सोमवार से 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत हो गई हैं और तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं। गणेश उत्सव केवल उत्तर भारत में ही नहीं दक्षिण भारत में भी मनाया जाता है। कर्नाटक में इस उत्सव को गणेश हब्बा के रूप में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। तमिलनाडु में गणेशचतुर्थी से एक दिन पहले गोवरी हब्बा उत्सव मनाया जाता है। गोवा, केरल, आंध्र प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी इसे मनाया जाता है। खासकर महाराष्ट्र में गणपति को समर्पित पंडाल इस साल भी अपनी कलात्मकता और भारी-भरकम खर्च के कारण सुखिर्यों में हैं। मुंबई की सबसे प्रसिद्ध गणपति प्रतिमा ‘लालबाग के राजा’ को अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-2 की थीम पर स्थापित किया जाएगा। प्रतिमा के दोनों ओर दो कृत्रिम अंतरिक्ष यात्री बनाए जाएंगे। .
Ganesh chaturthi 2019: गणेश चतुर्थी पर बन रहे हैं दो शुभ योग, यह है गणेश प्रतिमा स्थापना मुहूर्त
02 सितंबर को गणेश चतुर्थी (जन्मदिन) से शुरू होगा गणेशोत्सव
12 सितंबर को गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा
20 करोड़ रुपये के अभूषण से गणपति को सजाएगा मुंबई का गौड़ सारस्वत ब्राह्मण सेवा मंडल
25 करोड़ रुपए का बीमा कवर लिया है इस साल ‘लालबाग के राजा’ गणपति मंडल ने
61 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा हैदराबाद के खैरताबाद में एक करोड़ के लागत से स्थापित की जाएगी
12 मुखी गणेश प्रतिमा हैदराबाद में स्थापित की जाएगी जो सूर्यदेव के 12 स्वरूपों से प्रेरित है
13,000 गणपति पंडाल अकेले मुंबई में गणपति की प्रतिमा स्थापित कराते हैं
11 दिन के लिए लालबाग के राजा के पंडाल का बिजली बिल 3.5 लाख रुपये
10 लाख लोगों के हर दिन लालबाग के राजा के दरबार में पहुंचने का अनुमान
घर-घर विराजेंगे गणपति, मोतीचूर और लड्डू का भोग लगाएं
266 करोड़ रुपये का बीमा :
देश के सबसे अमीर गणपति मंडल यानी जीएसबी (गौड़ सारस्वत ब्राह्मण) सेवा मंडल ने इस बार 266.65 करोड़ रुपये का बीमा कवर लिया है। यह पिछले साल से 1.65 करोड़ रुपये ज्यादा है। इस रकम में पंडाल, मूर्ति, कीमती आभूषण, स्वयंसेवकों और श्रमिकों के जीवन का भी बीमा शामिल है।
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गणपति मंडलों के चंदे पर मंदी की मार :
आर्थिक मंदी का असर इस बार गणपति मंडलों को मिलने वाले चंदों पर पड़ा है। बड़े मंडलों को मिलने वाले चंदे में तो कोई कमी नहीं आई है, लेकिन छोटे-मोटे मंडलों को मिलने वाले चंदो में 25 फीसदी तक कमी आई है।
पर्यावरण हितैषी बप्पा :
देश में इस बार लोक सोशल मीडिया के जरिये पर्यावरण हितैषी गणेश चतुर्थी मनाने का अनुरोध कर रहे हैं। कई लोगों ने कागज के गूदे और बीज से गणेश प्रतिमा बनाई है, ताकि विसर्जन के बाद प्रतिमा से पौधा निकले। यह प्रतिमा पानी में आसानी से घुल जाएगी। इसमें जहरीले पेंट या किसी अन्य जहरीले पदार्थ का इस्तेमाल नहीं किया गया है। पीओपी और प्लास्टिक से बनी प्रतिमाओं में खतरनाक रसायनिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। यह रंग न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि पर्यावरण के लिए भी काफी हानिकारक होते हैं। इसका पानी की गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ता है। इस दूषित पानी के कारण फसलें भी प्रभावित होती हैं।