घर-घर विराजेंगे गणपति, मोतीचूर और लड्डू का भोग लगाएं
भगवान श्रीगणेश के स्वागत के लिए भक्त तैयारियों में जुटे हैं। दो सितंबर को घर-घर में गणपति विराजमान होंगे। ज्योतिषविद विभोर इन्दूसुत कहते हैं कि इस बार दो सितंबर गणेश चतुर्थी के दिन वैसे तो सुबह 9 बजे...
भगवान श्रीगणेश के स्वागत के लिए भक्त तैयारियों में जुटे हैं। दो सितंबर को घर-घर में गणपति विराजमान होंगे। ज्योतिषविद विभोर इन्दूसुत कहते हैं कि इस बार दो सितंबर गणेश चतुर्थी के दिन वैसे तो सुबह 9 बजे से 10:47 बजे के बीच शुभ चौघड़िया होने से ये समय भगवान श्रीगणेश की मूर्ति की स्थापना के लिए अच्छा रहेगा। इस समय में स्थापना कर सकते हैं। विशेष रूप से 11 बजकर 45 मिनट से स्थिर लग्न (वृश्चिक) शुरू होगा जो दोपहर 2 बजे तक रहेगा।
इसलिए सुबह 11:45 से दोपहर 2 बजे के बीच भी भगवान श्रीगणेश की स्थापना के लिए श्रेष्ठ समय होगा। अगर आप अपने घर में श्रीगणेश जी की स्थापना कर रहे हैं तो घर के ईशान कोण में श्रीगणेश को स्थापित करें। यह श्रेष्ठ स्थान है। पूर्व या उत्तर दिशा में भी स्थापना कर सकते हैं। गणेश चतुर्थी पर और गणेश उत्सव के दस दिनों में प्रतिदिन प्रातः और सायं को भगवान श्रीगणेश की आरती-वंदना करें। श्रीगणेश को विशेष रूप से मोदक या मोतीचूर लड्डू का भोग लगाएं। ऐसा करने से भगवान श्रीगणेश शीघ्र प्रसन्न होकर विशेष कृपा प्रदान करते हैं। पांच मिनट तक ‘ओम गं विघ्न हर्ताय नम:’ का जाप करें।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।