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इस दिन का हर क्षण है शुभ और पावन

फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को फुलैरा दूज का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार होली के त्योहार से जुड़ा एक अनुष्ठान रूपी पर्व है। इस विशेष दिन को फाल्गुन माह में सबसे पावन दिन माना जाता...

इस दिन का हर क्षण है शुभ और पावन
लाइव हिन्दुस्तान टीम,meerutTue, 05 Mar 2019 02:51 AM
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फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को फुलैरा दूज का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार होली के त्योहार से जुड़ा एक अनुष्ठान रूपी पर्व है। इस विशेष दिन को फाल्गुन माह में सबसे पावन दिन माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन का हर क्षण शुभ और पवित्र होता है। विवाह समारोह का आयोजन करने के लिए इस दिन को शुभ माना जाता है। इसी दिन से रंगों के उत्सव होली की खुशियां आरंभ हो जाती हैं।

यह त्योहार देशभर में उल्लास के साथ मनाया जाता है। फुलैरा दूज पर श्रीराधा-कृष्ण का पूजन करने से परिवार में प्रेम बढ़ता है। इस दिन घरों में श्रीराधा-कृष्ण की पूजा श्रद्धा के साथ की जाती है और अपने ईष्ट देव को गुलाल अर्पित किया जाता है। यह पावन दिन किसी भी नए कार्य को आरंभ करने के लिए शुभ माना जाता है। फुलैरा दूज के दिन शाम के समय घरों में रंगोली सजाई जाती है। इसे घर में होली रखना कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन जो भक्त श्रीराधा-कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते हैं उनके जीवन में प्रेम की वर्षा होती है। फुलैरा दूज के बाद से होली तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

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