navratri 2018 : नवरात्रि का चौथा दिन- इन मंत्रों से करें मां कूष्मांडा की उपासना, पाएं यश और आरोग्य- VIDEO
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कूष्मांडा की मां दुर्गा के चौथे अवतार के रूप में पूजा होती है। इन्हें की सृष्टि...
चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की पूजा
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कूष्मांडा की मां दुर्गा के चौथे अवतार के रूप में पूजा होती है। इन्हें की सृष्टि की देवी माना जाता है।
कूष्मांडा का अर्थ-
कु का अर्थ है 'कुछ', उष्मा का अर्थ है 'ताप', और अंडा का अर्थ यहां है ब्रह्माण्ड, सृष्टि अर्थात जिसके ऊष्मा के अंश से यह सृष्टि उत्पन्न हुई वे देवी कुष्मांडा हैं। जब चारों और अन्धकार था, समय की भी उत्पत्ति नहीं हुई थी, तब मां कुष्मांडा ने अपने संकल्प से सृष्टि का सृजन किया।
देवी जी की आठ भुजाएं हैं। सात भुजाओं में वे धनुष, बाण, कमल, अमृत, चक्र, गदा और कमण्डल धारण किए रखती हैं और आठवें भुजा में वे माला रखती हैं, जो की अष्ट सिद्धियां, और नौं निधियां देतीं हैं। अगली स्लाइड में पढ़ें मां कूष्मांडा के पूजा मंत्र-
मां कूष्मांडा की उपासना देती है आयु, यश, बल और आरोग्य
मां कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है। मां कूष्माण्डा अत्यल्प सेवा और भक्ति से प्रसन्न होने वाली देवी हैं। यदि मनुष्य सच्चे हृदय से इनका शरणागत बन जाए तो फिर उसे अत्यन्त सुगमता से परम पद की प्राप्ति हो सकती है।
नवरात्रि का चौथा दिन वृंदावन के प्राचीन कात्यायनी माँ मंदिर में दर्शन करते हुए श्रद्धालु
माता कूष्मांडा का उपासना मंत्र -
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
या
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।