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सक्सेस मंत्र: लक्ष्य के प्रति समर्पण ही आपको सफलता दिलाती है

बात 1870 की है जब फ्रैंच पर्शियन युद्ध चल रहा था। इसलिए रुडोल्फ का परिवार लंदन आ गया। इस वजह से रुडोल्फ की मां ने उसे अपनी अंकल और आंटी के पास जर्मनी पहुंचा दिया। 14 साल की उम्र में रुडोल्फ ने अपने...

 सक्सेस मंत्र: लक्ष्य के प्रति समर्पण ही आपको सफलता दिलाती है
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSun, 11 Feb 2018 09:57 PM
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बात 1870 की है जब फ्रैंच पर्शियन युद्ध चल रहा था। इसलिए रुडोल्फ का परिवार लंदन आ गया। इस वजह से रुडोल्फ की मां ने उसे अपनी अंकल और आंटी के पास जर्मनी पहुंचा दिया। 14 साल की उम्र में रुडोल्फ ने अपने पैरेंट्स को खत लिखा कि वो बड़ा होकर इंजीनियर बनना चाहता है। 

जर्मनी में पढ़ाई करने के बाद वो नए-नए प्रयोग और आविष्कार करने लगा। उसके काम के प्रति समर्पण भाव से सभी हैरान थे। इसी दौरान एक दिन वह अपनी लैब में शोध कर रहा था कि एक इंजन में आग लग गई। यही नहीं रुडोल्फ भी घायल हो गया। कुछ महीने अस्पताल में बिताने के बाद वो वापस लैब में आ पहुंचा और अपने प्रयोगों पर शोध करने लगा। इतनी बड़ी घटना के बावजूद उसके माथे पर निराशा और मायूसी की लकीरें भी नहीं थी। इसके बाद उसने कई सफल आविष्कार किए जिनमें से एक है भाप का इंजन। उसके आविष्कारों में डीजल इंजन प्रमुख रहा। यह महान इंजिनियर था रुडोल्फ डीजल। आज का डीजल इंजन रुडोल्फ डीजल के मौलिक सिद्धांत का परिष्कृत और उन्नत संस्करण है। 

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