सक्सेस मंत्र : तूफानों से लड़कर आगे बढ़ने वालों को ही मिलती है मंजिल
जिंदगी में भी कई बार बड़े खतरनाक तूफान आते हैं, जो तिनका-तिनका बिखेरकर रख देते हैं। लगता है जिंदगी में अब कुछ नहीं बचा है। चारों तरफ सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा होता है। ऐसे में कुछ लोग घबराकर हिम्मत...
जिंदगी में भी कई बार बड़े खतरनाक तूफान आते हैं, जो तिनका-तिनका बिखेरकर रख देते हैं। लगता है जिंदगी में अब कुछ नहीं बचा है। चारों तरफ सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा होता है। ऐसे में कुछ लोग घबराकर हिम्मत छोड़ देते हैं और हालात के शिकार बन गलत फैसला कर बैठते हैं। जीवन में जब उन्हें दूसरा मौका मिलता है, तब उन्हें समझ में आता है कि उनका फैसला कितना गलत था। कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जो तूफानों से जूझते हैं, गिरते हैं, संभलते हैं और आगे निकलते हैं।
ऐसा ही लीना ने किया, जिसे अपने पापा का मार्गदर्शन मिला और वह तूफान से बाहर निकल आई। एक दिन डॉक्टर के पास से लौटते हुए लीना कार चला रही थी और पास में उसके पिताजी बैठे थे। रास्ते में अचानक भयंकर तूफान शुरू हो गया। लीना ने पिता से पूछा, क्या किया जाए, कुछ देर के लिए कार रोक लेते हैं। मगर पिता ने जवाब दिया, कार चलाती रहो। तूफान में कार चलाना बहुत मुश्किल हो रहा था और तूफान भी अपना विकराल रूप लेता जा रहा था। लीना ने फिर पिता से पूछा, अब मैं क्या करूं ?
उसके पापा ने फिर कहा, कार चलाती रहो। थोड़ा आगे जाने पर लीना ने देखा की रास्ते में कई गाड़ियां तूफान की वजह से रुके हुए थे। लीना ने फिर अपने पिता से कहा, मुझे नहीं लगता इस तूफान में ड्राइव करना सही रहेगा। मुझे कुछ दिख भी नहीं रहा है, बिना देखे मैं कैसे ड्राइव करूं। उसके पिता ने फिर कहा, कार रोकना नहीं। बस अपने ड्राइविंग सेंस का इस्तेमाल करते हुए कार चलाती रहो। अब तूफान बहुत ही भयंकर रूप ले चुका था, मगर लीना ने कार चलाना नहीं रोका और अचानक ही उसने देखा कि कुछ साफ दिखने लगा है। कुछ किलोमीटर आगे जाने के बाद लीना ने देखा कि तूफान थम गया और सूरज निकल आया है। अब उसके पिता ने कहा, अब तुम कार रोक सकती हो और बाहर आ सकती हो। लीना ने पूछा, मगर अब क्यों?
पिता ने कहा, जब तुम बाहर आओगी तो देखोगी कि जो रास्ते में रुक गए थे, वे अभी भी तूफान में फंसे हुए हैं। चूंकि तुमने कार चलाने के प्रयास नहीं छोड़ा, तुम तूफान के बाहर हो।
लीना की कहानी से हम यह 3 बातें सीख सकते हैं :
- कठिन समय से गुजरने वाले मजबूत से मजबूत इंसान भी प्रयास छोड़ देते हैं। मगर अपनी कोशिश कभी नहीं छोड़ना चाहिए। एक दिन मुश्किल समय गुजर जाएगा।
- जब आगे कोई रास्ता दिखाई न दे तो अपने तजुर्बे और समझदारी से कदम आगे बढ़ाएं। आत्मविश्वास से उठाया गया कदम मंजील पर पहुंचता है।
- कई बार समय इतना पहाड़ जैसा हो जाता है कि दिमाग की सोचने-समझने की ताकत ही खत्म हो जाती है। ऐसे में अपने किसी अजीज, बड़े या करीबी की सलाह मान लेने में का कोई बुराई नहीं होती है।