गणेश चतुर्थी 2017: भगवान गणेश की पीठ के दर्शन करने से बचना चाहिए, जानें क्यों
शास्त्रों में कहा गया है कि गणेश जी के मुख का दर्शन करना अत्यंत मंगलमय होता है। वहीं उनके कानों मे
भगवान गणेश के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है
भगवान गणेश के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। गणेश चतुर्थी को पूरे देशभर में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष को हुआ था। इस साल गणेश चतुर्थी 25 अगस्त शुरू हो रही है जोकि 5 सितंबर तक चलेगी। हम आपको गणेश जी की पूजा के जुड़ी कुछ खास बात बताने जा रहे हैं जिनका ध्यान रखने से गणपति जल्दी प्रसन्न होते हैं।
गणपति बप्पा की पीठ के दर्शन करना शुभ नहीं माना गया
शास्त्रों में कहा गया है कि गणेश जी के मुख का दर्शन करना अत्यंत मंगलमय होता है। वहीं उनके कानों में वैदिक ज्ञान, सूंड में धर्म, दाएं हाथ में वरदान, बाएं हाथ में अन्न, पेट में सुख-समृद्धि, नेत्रों में लक्ष्य, नाभि में ब्रह्मांड, चरणों में सप्तलोक और मस्तक में ब्रह्मलोक होता है। जो कोई शुद्ध तन और मन से उनके इन अंगों के दर्शन करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इसके अतिरिक्त आने वाली अड़चनों और संकटों से छुटकारा मिलता है।
लेकिन शास्त्रों के अनुसार गणपति बप्पा की पीठ के दर्शन करना शुभ नहीं माना गया है। मान्यता है की उनकी पीठ के दर्शन करने से दरिद्रता आती है, इसलिए पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए। अगर अनजाने में पीठ के दर्शन हो जाएं तो फिर मुख के दर्शन कर लेने से यह दोष समाप्त हो जाता है।
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इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।