गणेश चतुर्थी पर न करें चंद्र दर्शन, लग सकता है मिथ्या कलंक
भगवान श्रीगणेश सुख समृद्धि के दाता हैं। बुद्धि और सौभाग्य प्रदान करने वाले हैं। प्रत्येक शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा अनिवार्य है। देवता भी अपने कार्यों को पूर्ण करने के लिए भगवान...
भगवान श्रीगणेश सुख समृद्धि के दाता हैं। बुद्धि और सौभाग्य प्रदान करने वाले हैं। प्रत्येक शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा अनिवार्य है। देवता भी अपने कार्यों को पूर्ण करने के लिए भगवान श्रीगणेश की अर्चना सबसे पहले करते हैं।
गणेश चतुर्थी के दिन पूजा मध्याह्न के समय में की जानी चाहिए। माना जाता है कि भगवान श्रीगणेश का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था। इसीलिए मध्याह्न के समय को भगवान श्रीगणेश की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन वर्ज्य होता है। माना जाता है कि इस दिन चंद्र के दर्शन करने से मिथ्या दोष अथवा मिथ्या कलंक लगता है। इस दिन चंद्र दर्शन करने वाले को चोरी का झूठा आरोप सहना पड़ता है। हर बुधवार भगवान श्रीगणेश की उपासना से सुख-सौभाग्य बढ़ता है। घर में सफेद रंग के गणपति की स्थापना करने से समस्त प्रकार की तंत्र शक्ति का नाश होता है। परिवार में कलह हो तो दूर्वा के श्रीगणेश की प्रतिकात्मक मूर्ति बनाएं और घर के देवालय में स्थापित करें। घर के मुख्य दरवाजे पर श्रीगणेश की मूर्ति लगाने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं कर पाती हैं।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।