आज गणेश चतुर्थी 2023: भूलकर भी न करें चंद्रदर्शन, पढ़ें श्रीकृष्ण से जुड़ी पौराणिक कथा
Ganesh chaturthi 2023 Moon Related Story: भगवान गणेश को समर्पित पर्व गणेशोत्सव 19 सितंबर से प्रारंभ होने जा रहा है। गणेश उत्सव 10 दिनों तक चलता है। जानें चतुर्थी तिथि पर क्यों नहीं करते हैं चंद्रदर्शन

Ganesh chaturthi 2023 Moon Related Story: भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बुद्धि व सौभाग्य के देवता भगवान गणेश की विधिवत पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, गणेश चतुर्थी हर साल अगस्त या सितंबर महीने में आती है।
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गणपति बप्पा के जन्म उत्सव को गणेशोत्सव के कहते हैं। गणेशोत्सव 10 दिन के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है और इस दिन गणेश विसर्जन के नाम से जाना जाता है। इस साल गणेश विसर्जन 28 सितंबर 2023, गुरुवार को है।
गणेश चतुर्थी पर चंद्रदर्शन की मनाही-
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रदर्शन वर्जित होता है। माना जाता है कि इस दिन चंद्रदर्शन करने से मिथ्या दोष या मिथ्या कलंक लगता है जिसकी वजह से जातक को चोरी का झूठा आरोप सहना पड़ता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण पर स्यमंतक नामक एक कीमती मणि चोरी करने का आरोप लगा था। झूठे आरोप में लिप्त भगवान कृष्ण की स्थिति देखकर नारद ऋषि ने उन्हें बताा कि भगवान कृष्ण ने भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा को देखा था जिसकी वजह से उन्हें मिथ्या दोष का श्राप लगा है।
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नारद ऋषि ने भगवान कृष्ण को आगे बताते हुए कहा कि भगवान गणेश ने चन्द्र देव को श्राप दिया था कि जो व्यक्ति भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दौरान चंद्र के दर्शन करेगा वह मिथ्या दोष से अभिशापित हो जायेगा और समाज में चोरी के झूठे आरोप से कलंकित हो जाएगा। नारद ऋषि की सलाह पर भगवान कृष्ण ने मिथ्या दोष से मुक्ति के लिये गणेश चतुर्थी के व्रत को किया और मिथ्या दोष से मुक्त हो गये।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।