Diwali 2023: दीपावली पर बंगाली समुदाय में 14 दीया-14 साग की परंपरा
Diwali 2023 Tradition Bangal: बंगाली समुदाय में 14 दीया-14 साग की परंपरा है तो मारवाड़ी समुदाय में घर की महिलाएं दीपावली की रात जागकर बिताती हैं। दीपावली पर 14 तरह के साग बनाए जाते हैं।

दीपावली पर पूजन के साथ खान-पान की भी अनोखी परंपरा
● मारवाड़ी समुदाय में पूरी रात जागकर बिताती हैं महिलाएं
● दीपावली के दिन हर घर में बनता है मूंग दाल का हलवा
बड़ों का आर्शीवाद संग मिठाई उपहार भेंट करने का चलनदीपावली पर रोशनी के साथ-साथ खान-पान की पुरानी परंपरा रही है। आज भी कहीं मूंग का हलवा तो कहीं 14 तरह के साग बनाए जाते हैं। दीपावली पर आज भी बंगाली, मारवाड़ी समुदाय के लोग पूरे उल्लास से अपनी सालों पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हैं। बंगाली समुदाय में 14 दीया-14 साग की परंपरा है तो मारवाड़ी समुदाय में घर की महिलाएं दीपावली की रात जागकर बिताती हैं। कत्थक नृत्यांगना डा. रंजना सरकार कहती हैं कि दीपावली पर 14 तरह के साग बनाए जाते हैं। अलग-अलग तरह के साग हर बंगाली परिवार में बनते हैं और आज भी यह परंपरा कायम है। बाकी पकवान भी लोग अपनी पसंद के अनुसार बनाते हैं। डॉ. सरकार कहती हैं कि दीपावली खुशियों का त्योहार है। ऐसे में हमलोग भी उसी श्रद्धा से मनाते हैं। दीपावली से एक दिन पहले हमारे समुदाय में काली पूजा का विधान है। इस बार यह मुहूर्त भी दीपावली के ही दिन है। ऐसे में मां काली और लक्ष्मी-गणेश की पूजा एक साथ ही होगी।
शनिवार की शाम सिकन्दरपुर में दीपावली पर रंगोली सजातीं युवतियां।
सुमित चमड़िया व उनकी पत्नी कहते हैं कि मारवाड़ी समुदाय में दीपावली के दिन मूंग दाल का हलवा बनाने की परंपरा आज भी कायम है। इसके साथ ही घर की महिलाएं पूजा करने के बाद रात्रि जागरण करती हैं और सूर्योदय के पिहले ही स्नान ध्यान कर पूजा करने निकल जाती हैं। दीपावली के दिन घर और रिश्तेदार में बड़ों को भेंट देकर आर्शीवाद लेने का आज भी चलन है।
