Dhanteras 2019 : इस दिन दक्षिण दिशा में दीपक जलाना होता है शुभ, जानें धनतेरस की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
25 अक्टूबर को धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव का आगाज हो जाएगा। इस अवसर पर बाजारों में एक अलग ही रौनक देखने को मिल रही है। दिवाली के साथ-साथ धनतेरस के लिए भी बहुत से इंतजाम देखने को मिल...
25 अक्टूबर को धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव का आगाज हो जाएगा। इस अवसर पर बाजारों में एक अलग ही रौनक देखने को मिल रही है। दिवाली के साथ-साथ धनतेरस के लिए भी बहुत से इंतजाम देखने को मिल रहे हैं। इस दिन खरीदारी करने को शुभ माना जाता है। इस दिन आमतौर पर चांदी, पीतल के बर्तन, सोने-चांदी के सिक्के और घरेलू सामान खरीदने की परम्परा है। वहीं, कुछ लोग प्रॉपटी, इलेक्ट्रॉनिक आइटम को भी खरीदना शुभ मानते हैं।
क्या है धनतेरस की मान्यता
माना जाता है कि इस दिन कुछ भी खरीदना शुभ होता है और धन संपदा में वृद्धि होती है, इसलिए इस दिन लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धनवंतरि भी इसी दिन अवतरित हुए थे, इसी कारण इसे धनतेरस कहा जाता है। यह भी कहा जाता है कि देवताओं व असुरों द्वारा संयुक्त रूप से किए गए समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त हुए 14 रत्नों में धनवंतरि व मां लक्ष्मी भी शामिल हैं इसलिए इस दिन को ‘धन त्रयोदश’ भी कहते हैं। भगवान धनवंतरि कलश में अमृत लेकर निकले थे, इस कारण इस दिन धातु के बर्तन खरीदने की परंपरा है।
पूजन का मुहूर्त
त्रयोदशी 25 अक्टूबर को शाम 7:08 बजे से 26 अक्टूबर को दोपहर 3:46 बजे तक।
वाराणसी के पंचांग के अनुसार 25 को शाम 4:31 से 26 को दोपहर 2:08 बजे तक।
धनतेरस पूजन मुहूर्त - शाम 7:08 बजे से रात्रि 8:14 बजे तक।
प्रदोष काल - शाम 5:30 बजे से रात्रि 8 बजे तक।
ऐसे करें धनतेरस पर पूजन
धनतेरस के दिन शाम को पूजा करना श्रेयस्कर होता है। पूजा के स्थान पर उत्तर दिशा की तरफ भगवान कुबेर और धनवंतरि की प्रतिमा स्थापित करना चाहिए। स्थापना के बाद मां लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश जी की पूजा करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरि को पीली मिठाई का भोग लगाना चाहिए। फल,फूल,चावल, रोली, चंदन, धूप व दीप के साथ पूजन करना चाहिए। इसी दिन यमदेव के नाम से एक दीपक निकालने की भी प्रथा है। दीप जलाकर यमराज को नमन करना चाहिए।
दक्षिण दिशा में दीप जलाकर रखें
मान्यता अनुसार पूजा-पाठ के बाद दक्षिण दिशा में दीपक जलाकर रखना चाहिए। यह दीपक यमराज को नमन करने के लिए जलाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दक्षिण दिशा में दीपक जलाकर रखने से घर में किसी की अकाल मृत्यु नहीं होती। साथ ही घर की सभी नकरात्मकताएं बाहर चली जाती है।
किन चीजों की करें खरीददारी
इस बार 'धनत्रयोदशी' मंगलकारक है। इसके चलते इस दिन ऋणमोचन का विशेष योग है। धनतेरस के दिन इस बार ऋण मोचन योग होने के चलते लंबे समय से कर्ज न चुका पाने वाले लोग ऋण चुका सकते हैं। हर राशि के लोग बर्तन, सोने-चांदी के आभूषण व सिक्के की खरीदारी कर सकते हैं। साथ ही धनतेरस पर अपने सामर्थ्यनुसार चांदी, पीतल या एल्युमीनियम के बर्तन खरीदकर उनकी पूजा करनी चाहिए, इससे बाद इन्हें इस्तेमाल में लाया जा सकता है।