Dhanteras 2021: धनतेरस आज, जानिए पूजन व खरीदारी के शुभ मुहूर्त, महत्व और संपूर्ण पूजन विधि
हिंदू धर्म में दिवाली के पर्व का विशेष महत्व होता है। दिवाली से पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है। इस साल...
इस खबर को सुनें
हिंदू धर्म में दिवाली के पर्व का विशेष महत्व होता है। दिवाली से पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है। इस साल धनतेरस 2 नवंबर 2021, दिन मंगलवार को पड़ रहा है।
क्यों मनाया जाता है धनतेरस-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब प्रभु धन्वंतरि प्रकट हुए थे तब उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इस तिथि को धन्वंतरि जयंती या धन त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन बर्तन और गहने आदि की खरीदारी करना बेहद शुभ होता है।
आज धनतेरस पर इन चुनिंदा मैसेज के साथ अपनों को कहें- 'हैप्पी धनतेरस'
क्यों होती है महालक्ष्मी की पूजा-
कहते हैं कि धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है। इस दिन भगवान कुबेर की पूजा की भी विधान है।
धनतेरस 2021 शुभ मुहूर्त-
धनतेरस तिथि 2021- 2 नवंबर, मंगलवार
धन त्रयोदशी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 5 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजे तक।
प्रदोष काल- शाम 05:39 से 20:14 बजे तक।
वृषभ काल- शाम 06:51 से 20:47 तक।
आज धनतेरस पर त्रिपुष्कर के साथ बन रहा धन योग का अद्भुत संयोग, ग्रहों का भी बनेगा शुभ संयोग
धनतेरस पूजा विधि-
1. सबसे पहले चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
2. अब गंगाजल छिड़कर भगवान धन्वंतरि, माता महालक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें।
3. भगवान के सामने देसी घी का दीपक, धूप और अगरबत्ती जलाएं।
4. अब देवी-देवताओं को लाल फूल अर्पित करें।
5. अब आपने इस दिन जिस भी धातु या फिर बर्तन अथवा ज्वेलरी की खरीदारी की है, उसे चौकी पर रखें।
6. लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और कुबेर स्तोत्र का पाठ करें।
7. धनतेरस की पूजा के दौरान लक्ष्मी माता के मंत्रों का जाप करें और मिठाई का भोग भी लगाएं।