धनतेरस 2021: इस बार खरीदारी के लिए भरपूर मुहूर्त, दीपावली पर बनेगा चतुर्ग्रही शुभ संयोग
इस बार पंचपर्व दीपोत्सव त्रिपुष्कर योग में शुरू होगा। दीपोत्सव धन त्रयोदशी से भाई दूज तक चलेगा। धनतेरस पर 19 साल बाद त्रिपुष्कर नामक शुभ योग बन रहा है। इस बार सुबह 8 बजे से रात 8.30 बजे तक खरीदारी के...
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इस बार पंचपर्व दीपोत्सव त्रिपुष्कर योग में शुरू होगा। दीपोत्सव धन त्रयोदशी से भाई दूज तक चलेगा। धनतेरस पर 19 साल बाद त्रिपुष्कर नामक शुभ योग बन रहा है। इस बार सुबह 8 बजे से रात 8.30 बजे तक खरीदारी के भरपूर मुहूर्त है। हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि को धन-त्रियोदशी या धनतेरस के रूप में मनाया जाता है।
खरीदारी के लिए इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। इस दिन त्रिपुष्कर योग बनने से हर तरह का निवेश और खरीदारी की जा सकती है। इस दिन प्रदोष और हस्त नक्षत्र का योग बनने से वाहन, भूमि, भवन, आभूषण व वस्त्र की खरीदारी करना मंगलकारी रहेगा।
पंचपर्व: तिथि और मुहूर्त
2 नवंबर : धनतेरस
वैसे तो धनतेरस का पूरा दिन शुभ होता है। इस बार धनतेरस के दिन सुबह 8 से 10 बजे के बीच खरीददारी के लिए बहुत शुभ समय होगा। इसमें स्थिर लग्न (वृश्चिक) उपस्थित रहेगी, दूसरा शुभ मुहूर्त सुबर 10:40 से दोपहर 1:30 के बीच होगा। इस समय लाभ और अमृत के शुभ चौघड़िया मुहूर्त उपस्थित रहेंगे। दोपहर 1:50 से 3 बजे के बीच भी खरीददारी के लिए स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त होगा। शाम 6:30 से रात 8:30 के बीच स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त रहेगा।
3 नवंबर : रूप चतुर्दशी
रूप चतुर्दशी पर चित्रा नक्षत्र दिनभर रहेगा। चंद्रमा और बुध दोनों इस नक्षत्र में रहेंगे और चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि होने से घर की सजावट और सुख-सुविधाओं की चीजों की खरीदारी कर सकते हैं।
4 नवंबर : दीपावली
दीपावली पर सूर्योदय के साथ ही चतुर्ग्रही शुभ योग शुरू हो जाएगा, जो रातभर रहेगा। ज्योतिषविदों के अनुसार प्रदोषकाल में माता लक्ष्मी के साथ गणपति, सरस्वती, कुबेर और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस साल दिवाली पर एक ही राशि में चार ग्रहों की युति बनेगी, सूर्य, बुध, मंगल व चंद्र तुला राशि मे रहेंगे और गुरु व शनि मकर राशि में एक साथ होंगे। इस वजह से ये दिवाली अत्यंत शुभ रहेगी।
5 नवंबर : गोवर्धन पूजा
दीपावली के अगले दिन राजा बली पर भगवान विष्णु की विजय का उत्सव है। श्रीकृष्ण ने इसी दिन देवेंद्र के मानमर्दन के लिए गोवर्धन को धारण किया था।
6 नवंबर : भाईदूज
ज्योतिषविद बताते हैं कि इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर पर भोजन के लिए आमंत्रित किया था। यही वजह है कि आज भी इस दिन लोग अपने घर मध्याह्न का भोजन नहीं करते। कल्याण और समृद्धि के लिए भाई को इस दिन अपनी बहन के घर में ही स्नेहवश भोजन करना चाहिए।
इस समय खरीदारी से बचें
ज्योतिषविदों के अनुसार धनतेरस के दिन दोपहर 3 से 4:30 बजे के बीच राहुकाल रहेगा इसलिए इस समय में खरीददारी करने से बचें।
खरीददारी के शुभ मुहूर्त -
सुबह 8 से 10
सुबह 10:40 से दोपहर 1:30
दोपहर 1:50 से 3 बजे तक
शाम 6:30 से रात्रि 8:30
धनतेरस पूजन का शुभ समय
शाम 6:30 बजे से 8:30 बजे के बीच स्थिर लग्न(वृष) रहेगी और स्थिर लग्न में की गई पूजा का फल हमेशा स्थिर रहने वाला होता है। धनतेरस को शाम 6:30 से 8:30 बजे के बीच पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त होगा।
पूजा विधि
पूजास्थल में चावल या गेहूं की एक छोटी ढेरी बनाकर उस पर देसी घी का एक दिया जलाएं माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए तीन बार श्रीसूक्त का पाठ करें। मां लक्ष्मी सहित सभी देवी देताओं को भोग लगाएं।