Dhanteras 2020 date: धनतेरस पर खरीदकर ला रहे हैं बर्तन तो जरूर करें यह काम
धनवंतरी, यमराज और धन की देवी लक्ष्मी और देवता कुबेर की पूजा का दिन है धनतरेस। इस दिन की गई खरीददारी आपको अक्षय फल देती है। इस बार धनतेरस 12नवंबर को शाम 5 बजे लग रही है। इसलिए उदया तिथि के अनुसार...
धनवंतरी, यमराज और धन की देवी लक्ष्मी और देवता कुबेर की पूजा का दिन है धनतरेस। इस दिन की गई खरीददारी आपको अक्षय फल देती है। इस बार धनतेरस 12नवंबर को शाम 5 बजे लग रही है। इसलिए उदया तिथि के अनुसार धनतेरस 13 की और शाम को लगने के कारण 12नवंबर दोनों दिन मनाई जा रही है। ऐसे में आप 12 और 13 नवंबर दोनों दिन खरीददारी कर सकते हैं। धनतेरस पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान होता है। शाम के समय दीप जलाकर पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन शाम को स्थायी मुहूर्त में मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
धनतेरस में कलश,हल्दी की गांठ, झाड़ू खरीदना बहुत शुभ होता है। झाड़ू खरीदने के पीछे कहा जाता है कि धनतेरस के दिन घर की सफाई कर पुरानी झाड़ू की जगह नई झाड़ू लानी चाहिए। इसलिए इस दिन झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन धनिया के बीज, सोना-चांदी, धातु के बर्तन खासकर पीतल के बर्तन खरीदना भी बहुत शुभ होता है। इस दिन कलश खरीदना भी अच्छा रहता है। धनतेरस के दिन अगर आप बर्तन लाते हैं तो उन्हें खाली नहीं रखना चाहिए। पूजा से पहले उनमें जलभरकर रखना चाहिए। मान्यता है कि देवी लक्ष्मी की तरह ही भगवान धन्वंतरि भी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए थे। भगवान धन्वंतरि के हाथ में अमृत कलश था, इसलिए इस दिन कलश खरीदने की परंपरा है। आप इस दिन खरीदे गए बर्तन में मिठाई भी रख सकते हैं।
12 नंवबर को : सुबह 11:20 से 12:04 तक अभिजीत मुहूर्त
13 नंवबर को : सुबह 11:20 से 12:04 तक अभिजीत मुहूर्त
Dhanteras 2020:धनतेरस पर जानें आपके शहर में क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त