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Choti Diwali 2021: नरक चतुर्दशी के दिन क्यों की जाती है हनुमान जी की पूजा? जानिए महत्व और दीपदान का समय

नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली को दीपावली से ठीक एक दिन पहले मनाते हैं। इस दिन मृत्यु देवता यमराज की पूजा की जाती है। कुछ जगहों पर छोटी दिवाली के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस दिन को काली चौदस या...

Choti Diwali 2021: नरक चतुर्दशी के दिन क्यों की जाती है हनुमान जी की पूजा? जानिए महत्व और दीपदान का समय
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 03 Nov 2021 09:32 AM

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नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली को दीपावली से ठीक एक दिन पहले मनाते हैं। इस दिन मृत्यु देवता यमराज की पूजा की जाती है। कुछ जगहों पर छोटी दिवाली के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस दिन को काली चौदस या रूप चौदस के नाम से भी जानते हैं। नरक चतुर्दशी के दिन रूप-सौंदर्य के साथ सुख-समृद्धि पाने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। जानिए नरक चतुर्दशी के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं-

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नरक चतुर्दशी के दिन करें बजरंगबली की पूजा-

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हुआ था। इस दिन नरक चतुर्दशी भी मनाई जाती है। इस साल नरक चतुर्दशी 3 नवंबर 2021 को है। हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है। मान्यता है नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है। इस दिन नारियल को अपने सिर पर सात बार उतारकर हनुमान जी को चढ़ाएं। मान्यता ऐसा करने से जीवन की हर मुश्किल दूर हो जाती है। इस दिन पीपल के 11 पत्तों पर श्रीराम लिखकर उनकी माला बनाकर बजरंगबली को पहनानी चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से नौकरी-व्यापार में तरक्की होती है।

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इन उपायों से भी होता है लाभ-

नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व पहले तिल के तेल से शरीर की मालिश करने से रूप-सौंदर्य बढ़ता है। नरक चतुर्दशी के दिन स्नान आदि करने के बाद माथे पर रोली का तिलक लगाना चाहिए और दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तिल वाले जल से यमराज का तर्पण करें। मान्यता है कि ऐसा करने से नरक में होने वाली यातनाओं से मुक्ति मिलती है।

न करें ये काम-

नरक चतुर्दशी के दिन मंदिर, रसोई घर, तुलसी, पीपल, बरगद, आंवला और आम के पेड़ के किनारे या बगीचे को गंदा न करें। यहां सफाई करने के बाद दीपक अवश्य जलाएं। मान्यता है ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन सुबह 6 बजे से पहले स्नान करना उत्तम रहेगा। छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के दिन सुबह तर्पण और शाम के वक्त दीपदान का महत्व है।

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छोटी दिवाली के चौघड़िया मुहूर्त-

सुबह 06:34 से 07:57 तक- लाभ
सुबह 07:57 से 09:19 तक- अमृत
सुबह 10:42 से दोपहर 12:04 तक- शुभ
दोपहर 02:49 से 04:12 तक- चर
शाम 04:12 से 05:34 तक- लाभ

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