ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News Astrologychhath puja 2020 date November when is chhath puja in india why we celebrated Read Katha and subh muhurat

Chhath Puja 2020: इस साल कब है छठ पूजा? जानिए कौन हैं देवी षष्ठी और कैसे हुई उत्पत्ति, पढ़ें ये पौराणिक कथाएं

नवरात्रि, दशहरा और दिवाली की तरह छठ पूजा भी हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। बिहार में छठ पूजा को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। छठ पूजा में सूर्य देव की उपासना की जाती है। मान्यताओं के...

Chhath Puja 2020: इस साल कब है छठ पूजा? जानिए कौन हैं देवी षष्ठी और कैसे हुई उत्पत्ति, पढ़ें ये पौराणिक कथाएं
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 21 Oct 2020 11:39 AM
ऐप पर पढ़ें

नवरात्रि, दशहरा और दिवाली की तरह छठ पूजा भी हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। बिहार में छठ पूजा को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। छठ पूजा में सूर्य देव की उपासना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, छठ माता को सूर्य देवता की बहन माना जाता है। कहते हैं कि सूर्य देव की उपासना करने से छठ माई प्रसन्न होती हैं और मन की सभी मुरादें पूरी करती हैं।

छठ पूजा को सूर्य षष्ठी के रूप में भी मनाया जाता है। यह त्योहार कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है। दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाने वाला यह त्योहार चार दिनों तक चलता है। चार दिवसीय छठ पर्व कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी तक चलता है। इस साल छठ पर्व 20 नवंबर को मनाया जाएगा।

Navratri 2020: अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि को लेकर न हो कंफ्यूज, जानिए यहां सही तारीख और शुभ मुहूर्त

छठ पूजा 2020 की तारीख (Chhath Puja 2020 Date)- 20 नवंबर 2020

छठ पूजा के दिन सूर्योदय – 06 बजकर 48 मिनट तक।

छठ पूजा के दिन सूर्यास्त – 17:26 तक।

षष्ठी तिथि आरंभ – 21:58 (19 नवंबर 2020)

षष्ठी तिथि समाप्त – 21:29 (20 नवंबर 2020)

छठ पूजा या छठी मैया का महत्व (Significance of Chhath Puja and Chhathi Maiya)-

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, छठ पूजा में सूर्य देवता के साथ छठी मइया या छठ माता की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि छठ माता संतानों की रक्षा करती हैं और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं। शास्त्रों के अनुसार, षष्ठी देवी को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री के रूप में भी जाना जाता है।

देवी षष्ठी की ऐसे हुई उत्पत्ति-

छठ देवी को सूर्य देव की बहन माना जाता है। लेकिन छठ व्रत कथा के अनुसार, छठ देवी ईश्वर की पुत्री देवसेना बताई गई हैं। देवसेना अपने परिचय में कहती हैं कि वह प्रकृति की मूल प्रवृत्ति के छठवें अंश से उत्पन्न हुई हैं यही कारण है कि उन्हें षष्ठी पुकारा जाता है। वह कहती हैं अगर आप संतान सुख चाहते हैं तो उनकी विधि-विधान से पूजा करें। इस पूजा को कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन करने का विधान बताया गया है।

Karwa Chauth 2020: कब है करवा चौथ? तो इस खास वजह से की जाती है चांद की पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त और व्रत कथा

वहीं एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, रामायण काल में भगवान राम के अयोध्या आने के बाद माता सीता के साथ मिलकर कार्तिक शुक्ल षष्ठी को सूर्य की उपासना करने से भी जोड़ा जाता है। इसके महाभारत काल में कुंती द्वारा विवाह से पूर्व सूर्योपासना से पुत्र की प्राप्ति से भी इसे जोड़ा जाता है।

कहते हैं कि सूर्यदेव के अनुष्ठान से उत्पन्न कर्ण जिन्हें अविवाहित कुंती ने जन्म देने के बाद नदी में प्रवाहित कर दिया था वह भी सूर्यदेव के उपासक थे। वे घंटों जल में रहकर सूर्य की पूजा करते रहे। मान्यता है कि कर्ण पर भगवान सूर्य की कृपा सदैव बनी रही। यही कारण है कि भगवान सूर्य की उपासना की जाती है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें