chhath puja 2018 आज से: छठ पर यहां कई मुस्लिम परिवार बनाते हैं चूल्हे
छठ पर अगर सबसे पहले किसी चीज की खरीदारी होती है तो वह है मिट्टी का चूल्हा। छठ एक ऐसा महापर्व है, जिसमें सांपद्रायिक सौहार्द की झलक मिलती है। कई मुस्लिम परिवार भी बढ़-चढ़ कर चूल्हा बनाते...
छठ पर अगर सबसे पहले किसी चीज की खरीदारी होती है तो वह है मिट्टी का चूल्हा। छठ एक ऐसा महापर्व है, जिसमें सांपद्रायिक सौहार्द की झलक मिलती है। कई मुस्लिम परिवार भी बढ़-चढ़ कर चूल्हा बनाते हैं।
खासकर मिट्टी के चूल्हा बनाने वाले अधिकतर परिवार मुस्लिम होते हैं। वीरचंद पटेल मार्ग स्थिति मुस्तकीमा खातून पिछले 15 साल से चूल्हा बना रही है। मुस्तकीमा खातून ने बताया कि हर साल तीन से चार सौ चूल्हा बनाती हूं। चूल्हा का विकल्प आने से मिट्टी के चूल्हा के दाम में अधिक अंतर नहीं आया है। वहीं रशीदा खातून ने बताया कि 50 रुपये तक अधिक हर साल बढ़ता है। पिछले साल नहाय खाय के दिन सौ रुपया में चूल्हे बेची थी। इस बार 120 से 130 रुपये तक बेची हूं।
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खूब बिक रहे चूल्हे
नहाय खाय से दो दिन पहले शुक्रवार को चूल्हा की खूब बिक्री हुई। समय बीतता गया, लेकिन मिट्टी के चूल्हे के दामों में अधिक परिवर्तन नहीं हुए। हर साल इसके दाम में 40 से 50 रुपये तक बढ़ते हैं। इस बार भी मिट्टी के चूल्हे सौ रुपये से लेकर 150 रुपये तक मिल रहे हैं। कई व्रती अब मिट्टी के चूल्हे ही जगह टीन का चूल्हा, गैस चूल्हा आदि से प्रसाद बनाती हैं। कई व्रती तो ईंट को जोड़ कर भी चूल्हा बना कर प्रसाद बनाती हैं। हालांकि प्र्रसाद बनाने के लिए नया चूल्हा इस्तेमाल होता है।
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