छठ महा पर्व: इस दिन होती है भगवान सूर्य की प्रतिमा की पूजा
Chhath Maha Parva: भागलपुर के विभिन्न छठ घाटों के पास भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है। इसके अलावा कई मंदिरों में भी श्रद्धालु प्रतिमा स्थापित कर पूजा करते हैं। बूढ़ानाथ घाट, सखीचंद्र...
Chhath Maha Parva: भागलपुर के विभिन्न छठ घाटों के पास भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है। इसके अलावा कई मंदिरों में भी श्रद्धालु प्रतिमा स्थापित कर पूजा करते हैं। बूढ़ानाथ घाट, सखीचंद्र घाट, दीपनगर घाट, स्टेशन चौक, इशाकचक दुर्गा मंदिर, वारसलीगंज, अम्बे पोखर आदि जगहों पर भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है।
बूढ़ानाथ घाट में चार फीट की प्रतिमा स्थापित होगी। घाट से लौटते वक्त पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। साथ ही उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद श्रद्धालु बूढ़ानाथ मंदिर में स्थापित सूर्यनारायण की प्रतिमा को प्रणाम करते हैं।
अंग सेवा समिति के द्वारा बूढ़ानाथ घाट में दो दिनों तक कई कार्यक्रम किये जाते हैं, जिसमें हर धर्म के लोग मौजूद रहते हैं। प्रवक्ता विनय कुमार सिन्हा ने बताया कि यहां 1983 से प्रतिमा स्थापित कर भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। पहला अर्घ्य के दिन रात में भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। संध्या के समय शहीदों को श्रद्धाजंलि दी जाती है। साल भर में जो शहीद होते हैं उनका फोटो पर माल्यार्पण किया जाता है।
हर समुदाय के लोग बूढ़ानाथ मुख्य द्वार के पास एक-एक कैंडल जलाकर शहीदों को याद करते हैं। इस दौरान अखंड दीप जलाया जाता है। साथ ही रंगोली बनायी जाती है। उन्होंने बताया कि छठ के सुबह अर्घ्य वाले दिन में सूर्य की प्रतिमा का विसर्जन गंगा में किया जाता है। इससे पहले चूड़ा-दही का भोग लगाया जाता है।
कालीपूजा के बाद होगा मूर्ति का निर्माण: भगवान सूर्य की प्रतिमा का निर्माण कालीपूजा के बाद होगा। मूर्तिकार रंजीत मंडल ने बताया कि छठ पूजा के दौरान भगवान सूर्य, परवैतिन व अर्घ्य देते श्रद्धालु की प्रतिमा बनायी जाती है। प्रतिमा की ऊंचाई चार से पांच फीट तक की होती है। प्रतिमा निर्माण में वाटर कलर का उपयोग किया जायेगा।