चाणक्य नीति: मान-सम्मान में कमी लाते हैं ये तीन काम, कभी भूलकर भी न करें
आचार्य चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति शास्त्र एक ग्रंथ है। इस ग्रंथ में जीवन के कई पहलुओं से जुड़ी समस्याओं का हल बताआ गया है। इसमें धन, तरक्की, विवाह, व्यापार, नौकरी, मित्रता और दुश्मनी समेत कई...
आचार्य चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति शास्त्र एक ग्रंथ है। इस ग्रंथ में जीवन के कई पहलुओं से जुड़ी समस्याओं का हल बताआ गया है। इसमें धन, तरक्की, विवाह, व्यापार, नौकरी, मित्रता और दुश्मनी समेत कई बातों का जिक्र किया गया है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिन काम को सही मंशा से न किया जाए यानी जिसमें दूसरों का अहित छिपा होता है वो काम सही नहीं होता है। जानिए ये कौन से हैं ये तीन काम-
1. बुराई न करें- झूठ ज्यादा दिनों तक टिका नहीं रह सकता। कहा जाता है कि झूठ के पांव नहीं होते हैं, ऐसे में एक दिन झूठ सामने आ ही जाता है। अगर आप किसी से झूठ बोलकर लाभ लेते हैं तो सच सामने आने पर आप अपना मान-सम्मान खो बैठते हैं। ऐसे लोगों को कोई पसंद नहीं करता है। मान-सम्मान की रक्षा के लिए व्यक्ति को हमेशा सच बोलना चाहिए।
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2. बुराई न करें- चाणक्य कहते हैं कि अक्सर लोग आदतवश दूसरों में कमियां निकालते हैं। इसलिए ऐसे लोद जब भी किसी के साथ बैठते हैं तो दूसरों की बुराई करते हैं। ये लोग दूसरों की तरक्की और खुशियों से भी जलते हैं। ऐसे में ये दूसरों की बुराई कर उनका मान-सम्मान गिराने की कोशिश करते हैं। हालांकि ये ऐसा करके खुद के मान-सम्मान में कमी लाते हैं।
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3. धन का गलत इस्तेमाल न करें- चाणक्य कहते हैं कि धन का सही इस्तेमाल करना चाहिए। अगर धन को गलत कामों में लगाएंगे तो एक दिन आपका अहित होगा। धन के गलत इस्तेमाल से एक दिन आप अपना मान-सम्मान तक खो सकते हैं। इसलिए व्यक्ति को हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए।