चंपा के फूलों से करें श्रीकृष्ण का शृंगार, बनेंगे सभी काम
ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष द्वादशी को चंपक द्वादशी नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण का चंपा के फूलों से शृंगार किया जाता है। मान्यता है कि इस विधि से पूजन करने से भगवान श्रीकृष्ण...
ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष द्वादशी को चंपक द्वादशी नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण का चंपा के फूलों से शृंगार किया जाता है। मान्यता है कि इस विधि से पूजन करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की श्रद्धापूर्वक पूजा करने से रुके हुए कार्य सिद्ध हो जाते हैं।
चंपक द्वादशी को राघव द्वादशी या रामलक्ष्मण द्वादशी नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम एवं शेषनाग के अवतार श्री लक्ष्मण की मूर्तियों का विधिवत पूजन किया जाता है। चम्पा के फूलों से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा किए जाने के कारण ही इसे चंपक द्वादशी नाम से जाना जाता है।
भगवान श्रीकृष्ण पर चंपा के फूलों की माला अर्पित करें। यदि चंपा के पुष्प उपलब्ध न हों तो पीले-सफेद पुष्पों की माला अर्पित कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार चंपक द्वादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का विधिवत पूजन एवं शृंगार करने से बैकुंठ में स्थान प्राप्त होता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।