बुद्ध पूर्णिमा 5 मई को, कुंडली के दोष दूर करेगा यह छोटा सा उपाय
5 मई को वैशाख माह की पूर्णिमा है। पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 5 मई को सुबह 4.14 बजे लगेगी और अगले दिन 6 मई 2023 3.33 बजे तड़के समाप्त हो जाएगी। इसलिए पूर्णिमा तिथि का पूजन आदि 5 मई को किया जा सकता
5 मई को वैशाख माह की पूर्णिमा है। पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 5 मई को सुबह 4.14 बजे लगेगी और अगले दिन 6 मई 2023 3.33 बजे तड़के समाप्त हो जाएगी। इसलिए पूर्णिमा तिथि का पूजन आदि 5 मई को किया जा सकता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। पूर्णिमा की रात को साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। इसलिए पूर्णिमा का दान पुण्य करने में कोई समस्या नहीं है।
ऐसा भी कहा जाता है कि वैशाख महीने की पूर्णिमा पर ब्रह्मा जी ने तिल बनाए थे। इसिलए इस दिन पानी में तिल डालकर नहाना चाहिए, हो सके तो इस दिन दोनों प्रकार के तिल का दान भी करना चाहिए। चंद्र ग्रहण पर पूजा पाठ करने से विभिन्न प्रकार के दोषों का भी निवारण होता है, इस दिन अग्नि में तिल की आहुति देना चाहिए। साथ ही इस पूर्णिमा पर तिल और शहद से भरा बर्तन दान दें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन् न होती हैं और कई कुंडली के दोषों का भी निवारण होता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।