शिवपुराण: बिल्व के वृक्ष को माना गया है शिव का रूप, इसे घर में लगाने से होता है धन-लाभ
भगवान शिव की अराधना का पर्व 28 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस बार सावन में बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है। पंचाग के अनुसार सावन में पांच सोमवार हैं साथ ही पूरे 30 दिनों का भी है। पंचाग के अनुसार इस साल...
बिल्व के वृक्ष को माना गया है शिव का रूप
भगवान शिव की अराधना का पर्व 28 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस बार सावन में बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है। पंचाग के अनुसार सावन में पांच सोमवार हैं साथ ही पूरे 30 दिनों का भी है। पंचाग के अनुसार इस साल सावन का महीना 30 दिन होने का कारण अधिकमास है, जो पूरे 19 साल बाद पड़ रहा है। सावन के महीने में आप शिव की कृपा पाने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव को बिल्व पत्र बहुत प्रिय है। जिस घर में बिल्व पत्र का वृक्ष लगा होता है उनके घर विशेष तौर पर शिव की कृपा बनी रहती है।
आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ बातें
बिल्व के वृक्ष को माना गया है शिव का रूप, इसे घर में लगाने से होता है धन-लाभ
1. कहा जाता है कि जिस घर में बिल्व पत्र का वृक्ष लगा होता है उसे रोज पानी दोना चाहिए। इससे घर में रोज पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।
2. बिल्व के पौधे को घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में लगाना सबसे शुभ होता है। यहां लगाया गया बेल का वृक्ष घर के लोगों के मान-सम्मान में वृद्धि करता है। वहीं उन्हें धन लाभ भी होता है।
3. बिल्व देवी लक्ष्मी का ही एक नाम है इस कारण बिल्व की पूजा से लक्ष्मीजी की कृपा मिलती है।
4. कहा जाता है कि एक बार देवी पार्वती ने अपनी ललाट से पसीना पोछकर फेंका, जिसकी कुछ बूंदें मंदार पर्वत पर गिरीं, जिससे बिल्व वृक्ष उत्पन्न हुआ। इस वृक्ष की जड़ों में गिरिजा, तना में महेश्वरी, शाखाओं में दक्षायनी, पत्तियों में पार्वती, फूलों में गौरी और फलों में देवी कात्यायनी वास करतीं हैं।
5. वहीं जाता है रि अष्टमी, चतुदर्शी, अमावस्या और रविवार को बिल्व पत्र नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता।
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इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।