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प्रायश्चित माह कहा जाता है यह महीना, दान-पुण्य से दूर हो जाते हैं जन्मों के पाप 

भादो माह को मुक्ति मास भी कहा जाता है। यह माह भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मास है। इस माह भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। भादो माह को भगवान श्री हरि के पूजन के लिए भी अति शुभ माना गय

प्रायश्चित माह कहा जाता है यह महीना, दान-पुण्य से दूर हो जाते हैं जन्मों के पाप 
Arpanलाइव हिन्दुस्तान टीम,meerutFri, 12 Aug 2022 03:24 PM

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भादो माह को मुक्ति मास भी कहा जाता है। यह माह भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मास है। इस माह भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। भादो माह को भगवान श्री हरि के पूजन के लिए भी अति शुभ माना गया है। इस माह की पवित्रता को देखते हुए इसे प्रायश्चित माह भी कहा जाता है। इस माह से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में। 

भाद्रपद मास में पवित्र मन से व्रत, उपवास और साधना करने से पूर्व जन्मों में किए गए पाप भी दूर हो जाते हैं। इस मास विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने पर संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस माह दान पुण्य से विशेष लाभ मिलता है। माना जाता है कि इस माह किए दान एवं व्रत से पापों का नाश हो जाता है। इसे चातुर्मास के चार पवित्र महीने में दूसरा माह माना गया है। इस माह को भद्र परिणाम देने वाला बताया गया है। यह माह त्योहारों से भरा हुआ है। इस माह गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी जैसे पर्व मनाए जाते हैं। इस माह मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस माह भगवान की भक्ति से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस माह पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। इस माह पलंग पर सोना और दो समय के भोजन से बचना चाहिए। भादो मास में सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस माह शहद, दही भात, मूली और बैंगन खाना वर्जित माना जाता है। इस माह कृष्णपक्ष की तृतीया को कजली तीज का पर्व मनाया जाता है। भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी को जन्माष्टमी का पावन त्योहार मनाया जाता है। भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष एकादशी को भगवान श्री हरि विष्णु की कृपा दिलाने वाली अजा एकादशी मनाई जाती है। भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती की पूजा गौरी रूप में की जाती है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

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