23 अगस्त से शुरू हो गया है भाद्रपद, इस महीने इन नियमों का पालन करने से मनोकामना पूरी होने की है मान्यता
23 अगस्त से भाद्रपद मास की शुरुआत हो चुकी है। भाद्रपद या भादो मास लोगों से व्रत या उपवास, नियम और संयम का पालन करवाता है। यह माह अपनी गलतियों के प्रायश्चित के लिए उत्तम माना जाता है। इस महीने श्री...
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23 अगस्त से भाद्रपद मास की शुरुआत हो चुकी है। भाद्रपद या भादो मास लोगों से व्रत या उपवास, नियम और संयम का पालन करवाता है। यह माह अपनी गलतियों के प्रायश्चित के लिए उत्तम माना जाता है। इस महीने श्री कृष्ण जन्माष्टमी और कलंक चतुर्थी समेत कई व्रत और त्योहार आते हैं। भादो मास 23 अगस्त से 20 सितंबर तक रहेगा। जानिए भाद्रपद मास के नियम और सावधानियां-
भादो में इन बातों का रखें ध्यान-
भादो में कच्ची चीजें खाने से परहेज करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने दही का सेवन पूर्ण रूप से वर्जित है। आलस्य दूर करने के लिए इस महीने शीतल जल से स्नान करना चाहिए। भादो में भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी दल अर्पित करना शुभ माना जाता है। तुलसी दल को दूध या चाय में उबालकर पीना इस माह में उत्तम माना जाता है।
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भादो मास के व्रत और त्योहार-
भाद्रपद मास में गणेश चतुर्थी और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अलावा बलराम और राधा जन्मोत्सव भी आता है। इस महीने में सुहागिनें सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हरितालिका तीज व्रत भी रखती हैं। इस महीने में बेहद शुभ फलकारी अनंत चतुर्दशी भी आती है।
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भाद्रपद मास में भगवान श्रीकृष्ण की कृपा-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भादो मास में भगवान श्रीकृष्ण को पंचामृत से स्नान कराने पर मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसे साथ ही इस माह श्रीमदभगवतगीता का पाठ करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। बाल गोपाल की इस महीने स्थापना करने से घर में सुख-शांति और संपन्नता आती है।
इस महीने क्या करना चाहिए-
इस महीने भगवान श्रीगणेश की पूजा करने से शुभफलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस महीने सात्विक आहार का सेवन करें। मान्यता है कि ऐसा करने से बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।