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सक्सेस मंत्र: अलग करने की चाह व उस दिशा में मेहनत करने से ही मिलती है अलग पहचान

पद्मनाभन गोपालन को प्रतिष्ठित राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार के लिए आए सैकड़ों नामों के बीच से उन्हें चुना गया। तमिलनाडु के रहने वाले 26 वर्षीय सोशल एंटरप्रिन्योर...

सक्सेस मंत्र: अलग करने की चाह व उस दिशा में मेहनत करने से ही मिलती है अलग पहचान
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 06 Sep 2019 08:12 PM
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पद्मनाभन गोपालन को प्रतिष्ठित राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार के लिए आए सैकड़ों नामों के बीच से उन्हें चुना गया। तमिलनाडु के रहने वाले 26 वर्षीय सोशल एंटरप्रिन्योर पद्मनाभन गोपालन को प्रौद्योगिकी आधारित खाद्य बचाव संगठन चलाने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।

पद्मनाभन ने रोजाना बर्बाद होने वाले अतिरिक्त भोजन को लोगों के घरों से इकट्ठा कर जरूरतमंदों के बीच बांटने के लिए एक अनोखी प्रणाली विकसित की है। साथ ही भुखमरी को खत्म करने के संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को पाने की दिशा में अहम योगदान दिया। भुखमरी को खत्म करने के इस अहम काम को करने के लिए ‘नो फूड वेस्ट' नाम से संस्थान चला रहे हैं।

कोयंबटूर के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से उन्होंने बैचलर ऑफ प्रोडक्शन इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। अपने कॉलेज के दिनों के दौरान, पद्मनाभन ने एक ग्रीन क्लब शुरू किया था और पर्यावरण के रख-रखाव और बचाव के लिए निरंतर काम करते रहे हैं।

पद्मनाभन अपने संस्थान के जरिये अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर समारोहों एवं रेस्तरां में बचे खाने को हर दिन जमा करते हैं और जरूरतमंद लोगों के बीच बांटने का काम करते हैं।

padmanaban gopalan

पद्मनाभन के इस अनूठे अभियान से असहाय और जरूरतमंद लोगों को काफी मदद मिली है। उन्हें खाना मुहैया कराया जा सका है और खाने को बर्बाद नहीं करने के बारे में जागरूकता भी आई।

सीख
कुछ अलग करने का नजरिया और उस दिशा में मेहनत से ही आपको अलग पहचान मिलती है।

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