सक्सेस मंत्र: जो मिला है उसकी अहमियत समझे, मेहनत कर आगे बढ़े
एक अंधा आदमी रोज शाम को सड़क के किनारे खड़े होकर भीख मांगा करता था। जो थोड़े-बहुत पैसे मिल जाते उन्हीं से अपनी गुजर-बसर किया करता था। हमेशा भगवान को कोसता था कि उसे ऐसी जिंदगी क्यों दी। एक शाम वहां से...
एक अंधा आदमी रोज शाम को सड़क के किनारे खड़े होकर भीख मांगा करता था। जो थोड़े-बहुत पैसे मिल जाते उन्हीं से अपनी गुजर-बसर किया करता था। हमेशा भगवान को कोसता था कि उसे ऐसी जिंदगी क्यों दी। एक शाम वहां से एक रईस गुजर रहा था। उन्होंने उस अंधे को देखा और उन्हें अंधे की फटे हाल होने पर बहुत दया आई और उन्होंने सौ रूपये का नोट उसके हाथ में रखते हुए आगे की राह ली।
उस अंधे आदमी ने नोट को टटोलकर देखा और समझा कि किसी आदमी ने उसके साथ ठिठोली भरा मजाक किया है क्योंकि उसने सोचा कि अब तक उसे सिर्फ 5 रूपये तक के ही नोट मिला करते थे जो कि हाथ में पकड़ने पर सौ की नोट की अपेक्षा वह बहुत छोटा लगता था और उसे लगा कि किसी ने सिर्फ कागज़ का टुकड़ा उसके हाथ में थमा दिया है और उसने नोट को खिन्न मन से कागज़ समझकर जमीन पर फेंक दिया।
एक सज्जन पुरुष जो वही खड़े ये दृश्य देख रहे थे, उन्होंने नोट को उठाया और अंधे व्यक्ति को देते हुए कहा यह सौ रूपये का नोट है। तब वह बहुत खुश हुआ और आगे बढ़ गया।
हम भी हमेशा भगवान को कोसते रहते है कि हमें ऐसी जिंदगी क्यों मिली। हमे शिकायत करना छोड़कर, जो मिला है उसकी महत्वता को समझना चाहिए और मेहनत कर आगे बढ़ना चाहिए।