बजरंग बली दिलाते हैं शनि के सभी प्रकोपों से निजात
महावीर की आराधना से आप खुशियों का वरदान पा सकते हैं। यूं तो मंगलवार का दिन बजरंगबली की पूजा के लिए बेहद उत्तम माना गया है, लेकिन शनिवार को शनिदेव संग हनुमान की पूजा न केवल शनि की साढ़ेसाती, ढैया जैसी...
महावीर की आराधना से आप खुशियों का वरदान पा सकते हैं। यूं तो मंगलवार का दिन बजरंगबली की पूजा के लिए बेहद उत्तम माना गया है, लेकिन शनिवार को शनिदेव संग हनुमान की पूजा न केवल शनि की साढ़ेसाती, ढैया जैसी महादशाओं से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होती है बल्कि मंगलदोष निवारण के लिए भी शनिवार को बजरंबली की पूजा का खास महत्व माना गया है। शनिवार को बजरंगबली का नाम आपको समस्त शनि प्रकोपों से निजात दिला सकता है। साथ ही आपके संपूर्ण कार्य अपने आत बनते चले जाते हैं।
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शनिदेव संग बजरंगबली की भी पूजा का विधान क्यों?
इस प्रश्न का उत्तर त्रेतायुग में छिपा हुआ है। कहानी उस समय की है जब माता सीता को ढूंढते हुए हनुमान जी लंका पहुंचे, तो उन्होंने वहां शनिदेव को उल्टा लटके हुए देखा। जब हनुमान ने उनसे इसका कारण पूछा तो शनिदेव ने बताया कि रावण ने अपने योग बल से उन्हें लंका में कैद कर रखा है। तब हनुमान ने शनिदेव को रावण की कैद से मुक्ति दिलायी। इससे प्रसन्न होकर शनिदेव ने हनुमान से वरदान मांगने को कहा, तब बजरंगबली ने शनिदेव से कहा कि कलयुग में उनकी आराधना करने वालों को आप कभी भी परेशान नहीं करेंगे और तभी से शनिवार को हनुमान जी की पूजा की परंपरा शुरू हो गई।