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सभी आशाएं पूर्ण करता है आशा दशमी व्रत

आशा दशमी व्रत किसी भी मास में शुक्ल पक्ष में दशमी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सभी आशाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत को करने से कन्या को श्रेष्ठ वर की प्राप्ति होती है और शिशु...

सभी आशाएं पूर्ण करता है आशा दशमी व्रत
लाइव हिन्दुस्तान टीम,meerutSat, 17 Nov 2018 02:24 AM
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आशा दशमी व्रत किसी भी मास में शुक्ल पक्ष में दशमी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सभी आशाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत को करने से कन्या को श्रेष्ठ वर की प्राप्ति होती है और शिशु की दंतजनिक पीड़ा भी इस व्रत के प्रभाव से दूर हो जाती है।

इस व्रत को पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से करना चाहिए। असाध्य रोगों से पीड़ित रोगी भी इस व्रत के पुण्य फल से रोग मुक्त हो जाता है। पति के यात्रा प्रवास पर जाने पर और जल्दी न आने पर महिला इस व्रत को करे तो पति को शीघ्र प्राप्त कर सकती है। आशा दशमी के व्रत में प्रातः काल स्नान कर देवताओं की पूजा करें। रात्रि में पुष्प, अलक तथा चंदन से दस आशा देवियों की पूजा करनी चाहिए। इस व्रत में व्रती को अपने घर के आंगन में दसों दिशाओं की पूजा करनी चाहिए। ब्राह्मण को दक्षिणा प्रदान कर प्रसाद ग्रहण करना चहिए। सुहागिन स्त्रियों को रात्रि जागरण करना चाहिए। यह व्रत स्त्रियों के लिए विशेष श्रेयस्कर है।

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

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