ऐसी खूबसूरत अप्सरा जिसके थे कई दीवाने, महान ऋषियों से भी बने संबंध
पौराणिक कथाओं में कई सुंदर अप्सराओं का जिक्र है। क्या आपको पता है कि घृताची नाम की एक अप्सरा थी जो बहुत खूबसूरत और कामुक थी। कई ऋषि भी उसको देखकर मुग्ध हो गए। घृताची ने कई लोगों से संबंध बनाए थे।
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पौराणिक काल में कई अप्सराएं थीं, जिनकी खूबसूरती की कहानियां हम अक्सर सुनते हैं। प्राचीन समय में एक ऐसी अप्सरा भी थी जिसकी खूबसूरती देख अच्छे से अच्छा तपस्वी भी पिघल जाता था। इस अप्सरा का नाम घृताची था। उसने कई लोगों के साथ संबंध बनाए थे। कहा जाता है कि घृताची के 100 से ज्यादा बच्चे हुए थे।
कौन थी घृताची अप्सरा
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक स्वर्ग में वैसे तो कई अप्सराएं थीं, लेकिन उनमें से 11 अप्सराएं सबसे सुंदर थीं। घृताची उनमें से एक हैं। घृताची कश्यप ऋषि और प्राधा की बेटी थी। उसकी खूबसूरती के चर्चे दूर-दूर तक थे। कहते हैं कि घृताची इतनी सुंदर थी कि उसे देखकर एक तपस्वी भी अपनी साधना तोड़ दे।
घृताची के कई लोगों से संबंध, 100 से ज्यादा बच्चों की बनी मां
घृताची को सबसे कामुक अप्सरा भी माना जाता था, इसी वजह से उसके कई लोगों से संबंध बने। इनमें कई राजा और ऋषि भी शामिल हैं। कहते हैं कि घृताची ने कई पुरुषों के साथ संबंध बनाए और उसने 100 से ज्यादा बच्चे पैदा किए। अकेले रुद्राश्व से उसे 10 बेटे और 10 बेटियां हुईं।
घृताची को देख ऋषि भारद्वाज का हुआ वीर्यपतन, फिर जन्में द्रोणाचार्य
कहा जाता है कि एक बार ऋषि भारद्वाज स्नान करने के लिए नदी के पास पहुंचे। जैसे ही वे स्नान करके निकल रहे थे उन्हें घृताचिीवहां नजर आ गई। घृताजि स्नान करके नदी से निकल ही रही थी। उसके गीले बदन को देखकर ऋषि भारद्वाज ने अपना नियंत्रण खो दिया। घृताचीि की कामुकता को निहारते हुए उनका वीर्यपतन हो गया। उन्होंने अपने वीर्य को एक मिट्टी के बर्तन (द्रोण) में डालकर अंधेरे में रख दिया। उसी से द्रोणाचार्य का जन्म हुआ।
इसके अलावा महर्षि वेदव्यास भी एक बार घृताची को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए और फिर शुक्रदेव जन्म हुआ। महर्षि च्यवन के बेटे प्रमिति ने भी घृताची से संबंध बनाए थे।