Amla Navami 2018: किस देवता के आंसुओं से बना था आंवला, जानें इसका महत्व
Amla Navami, Akshaya Navami: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी मनाई जाती है, जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। इस साल यह 17 नवंबर 2018 को मनाई जा रही है। इस दिन महिलाएं आंवला के पेड़ के...
Amla Navami, Akshaya Navami: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी मनाई जाती है, जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। इस साल यह 17 नवंबर 2018 को मनाई जा रही है। इस दिन महिलाएं आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर संतान प्राप्ति और उनकी सलामती के लिए पूजा करती हैं। इस दिन आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने का भी चलन है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में चमत्कारी बताए हुए आंवला की उत्पत्ति कैसे हुई....
कैसे उत्पन्न हुआ आंवला...
जब पूरी पृथ्वी जलमग्न थी और इस पर जिंदगी नहीं थी, तब ब्रम्हा जी कमल पुष्प में बैठकर निराकार परब्रम्हा की तपस्या कर रहे थे। इस समय ब्रम्हा जी की आंखों से ईश-प्रेम के अनुराग के आंसू टपकने लगे थे। ब्रम्हा जी के इन्हीं आंसूओं से आंवला का पेड़ उत्पन्न हुआ, जिससे इस चमत्कारी औषधीय फल की प्राप्ति हुई।
आंवला नवमी 2018: आंवला के पेड़ की होती है पूजा, आंवला के पेड़ के नीचे भोजन होता है तैयार
आयुर्वेद और विज्ञान के अनुसार आंवला का महत्व...
आचार्य चरक के मुताबिक आंवला एक अमृत फल है, जो कई रोगों का नाश करने में सफल है। साथ ही विज्ञान के मुताबिक भी आंवला में विटामिन सी की बहुतायता होती है। जो कि इसे उबालने के बाद भी पूर्ण रूप से बना रहता है। यह आपके शरीर में कोषाणुओं के निर्माण को बढ़ाता है, जिससे शरीर स्वस्थ बना रहता है।
कुछ पाने के लिए कुछ खोना नहीं, कुछ करना पड़ता है
ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है