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तीन शिव मंदिरों के साथ अछ्वूत त्रिभुज का निमार्ण करता है अंबिका मंदिर

बिहार के सारण जिला मुख्यालय छपरा से लगभग 24 किलोमीटर पूर्व दिघवारा इलाके में अवस्थित अम्बिका स्थान मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है जो भगवान शिव के विश्वप्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर, विश्वनाथ...

तीन शिव मंदिरों के साथ अछ्वूत त्रिभुज का निमार्ण करता है अंबिका मंदिर
एजेंसी ,छपराSun, 25 Oct 2020 04:52 PM
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बिहार के सारण जिला मुख्यालय छपरा से लगभग 24 किलोमीटर पूर्व दिघवारा इलाके में अवस्थित अम्बिका स्थान मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है जो भगवान शिव के विश्वप्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर, विश्वनाथ मंदिर और वैद्यनाथ धाम के साथ अछ्वुत त्रिभुज का निमार्ण करता है।
कहा जाता है कि इस मंदिर को यदि केंद्र बिन्दु माना जाये तो इसके समान दूरी पर ही पड़ोसी देश नेपाल में स्थित काठमांडू का पशुपतिनाथ मंदिर, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का विश्वनाथ मंदिर और झारखंड के देवघर में मौजूद बाबा वैद्यनाथ धाम की दूरी एक समान है। अंबिका मंदिर इन सभी मंदिरों से दूरी बना कर एक त्रिभुज का निमार्ण करती है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां मिट्टी की पिंडी की पूजा मां जगत जननी दुगार् के रूप में की जाती है। इस कारण यह सिद्धपीठ भक्तों के लिए हमेशा ही आस्था का केंद्र रहा है।
प्रति वर्ष आश्विन और चैत्र मास में नवरात्र के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। भक्त अपने घर से यहां आकर नौ दिनों तक मंदिर में रहकर भी दुगार् सप्तशती का पाठ एवं जप करते हैं। पूरे साल मंदिर के पुजारियों के द्वारा सुबह एवं शाम आरती के पश्चात मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है, जिसमें आम भक्त हिस्सा लेते हैं। लेकिन नवरात्रि के अवसर पर इसमें मंदिर के पुजारियों के द्वारा ही मां अम्बिका की आरती की जाती है, जिसमें आम भक्त का प्रवेश वर्जित होता है। 
इस मंदिर की विशेषता से प्रभावित होकर प्रशासनिक एवं पुलिस सेवा के अधिकारियों के अलावा भारी संख्या में राजनेता समेत अन्य भक्तगण दूर-दूर से यहां मां अम्बिका से आशीवार्द प्राप्त करने आते हैं। वर्तमान समय में विश्वव्यापी कारोना वायरस के कारण मंदिर प्रबंधन समिति ने शारदीय नवरात्र के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर को बंद रखा है। मंदिर प्रबंधन समिति ने भक्तों से अपील की है कि वे इस नवरात्रि अपने घर से ही मां अम्बिका की पूजा अर्चना करें।

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