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Akshay Navami 2019 : धरती पर कैसे हुई थी आंवले की उत्पत्ति, जानें इसकी पूजा का क्या है महत्व

हिन्दू धर्म में त्योहारों से जुड़ी हुई कई पौराणिक कहानियां हैं। जैसे, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को होने वाली अक्षय नवमी से भी कई पौराणिक कहानियां और मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। अक्षय नवमी को...

Akshay Navami 2019 : धरती पर कैसे हुई थी आंवले की उत्पत्ति, जानें इसकी पूजा का क्या है महत्व
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्ली Tue, 05 Nov 2019 08:43 AM
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हिन्दू धर्म में त्योहारों से जुड़ी हुई कई पौराणिक कहानियां हैं। जैसे, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को होने वाली अक्षय नवमी से भी कई पौराणिक कहानियां और मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहा जाता है। एक पौराणिक कहानी आंवले की उत्पत्ति से जुड़ी हुई है कि कैसे आंवला पृथ्वी पर आया है। आइए, जानते हैं- 


कैसे हुई थी आंवले की उत्पत्ति
मान्यता के अनुसार जब पूरी पृथ्वी जलमग्न हो गई थी, तब ब्रह्मा कमल पुष्प पर विराजमान होकर तपस्या कर रहे थे। वह अपनी कठिन तपस्या में लीन थे। तपस्या करते-करते ब्रह्मा की आंखों से ईश-प्रेम के आंसू टपकने लगे। माना जाता है कि ब्रह्मा के इन्हीं आसुंओ से आंवले की उत्त्पति हुई। तब से आंवले को एक दिव्य फल भी माना जाता है, जिसका इस्तेमाल कई पूजन विधि में भी किया जाता है। 

 

amla

आंवले की पूजा का महत्व 
आंवला नवमी के संबंध में कथा प्रचलित है कि प्राचीन समय में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर देवी लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष के नीचे शिवजी और विष्णुजी की पूजा की थी। तभी से इस तिथि पर आंवले के पूजन की परंपरा शुरू हुई है।

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