विंध्यवासिनी धाम में शाम तक 70 हजार लोगों ने किए मां के दर्शन
नवरात्र के पहले दिन मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते कोविड-19 के नियम तार-तार हो गया। मां के दरबार में शाम को छह बजे...
नवरात्र के पहले दिन मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते कोविड-19 के नियम तार-तार हो गया। मां के दरबार में शाम को छह बजे तक लगभग 70 हजार भक्तों ने अपनी हाजिरी दर्ज कराई। पंचायत चुनाव के कारण गैर जिले से अपेक्षित संख्या में फोर्स भी नहीं मिल पाई। डीएम, कमिश्नर और एसपी दोपहर में मंदिर पर पहुंचे तब जा कर सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था हो पायी।
विंध्यधाम का वासंतिक नवरात्र मेला मंगलवार को सुबह छह बजे से शुरू हो गया। विंध्यधाम के तीर्थ पुरोहितों ने सुबह साढ़े चार बजे भोर मां की मंगला आरती के बाद मंदिर के गर्भगृह को बंद कर दिए। जिला प्रशासन की गाइडलाइन के तहत सुबह छह बजे आम श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन के लिए मां का कपाट खोला गया। इससे पहले ही मंदिर की सीढ़ी तक बड़ी संख्या में भक्त जुट गए थे। प्रशासन की तरफ से कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के बाबत दर्शन पूजन के लिए तैयार की गयी गाइडलाइन तार-तार हो गई। श्रद्धालु बगैर मास्क के ही मंदिर की सीढ़ी तक पहुंच गए। मंदिर का कपाट खुलते ही भक्त एक दूसरे से धक्का-मुक्की करते हुए झांकी और गर्भगृह में पहुंच कर दर्शन पूजन में जुट गए। यह स्थिति दोपहर तक रही। दोपहर में कमिश्नर, डीएम और एसपी विंध्यधाम पहुंचे तब स्थानीय अफसरों व पुलिस कर्मियों ने श्रद्धालुओं के लिए सोशल डिस्टेसिंग की व्यवस्था की। विंध्यधाम में मत्था टेकने के बाद भक्तों ने अष्टभुजा और कालीखोह मंदिरों पर पहुंच कर दर्शन पूजन किए। तेज धूप होने के कारण श्रद्धालुओं को त्रिकोण परिक्रमा करने में दिक्कत हुई। फिर भी लोग परिक्रमा करने में जुटे रहे। तीर्थ पुरोहितों के अनुसार नवरात्र का पहला दिन और मंगलवार होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु सुबह ही विंध्यधाम पहुंच गए थे।
स्टेशन और बस स्टैंड पर पसरा रहा सन्नाटा
नवरात्र मेले में इस बार रेलवे की तरफ से अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन न किए जाने के कारण स्टेशन पर सन्नाटा पसरा रहा। स्टेशन पर रुकने वाली अप एवं डाउन में आधा दर्जन एक्सप्रेस ट्रेनों से ही दो से तीन सौ के करीब श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचे थे। रोडवेज स्टेशन पर भी यही स्थिति रही। बसों का संचालन रात में न किए जाने से गैर जिले के श्रद्धालु इस बार नवरात्र के पहले दिन अपेक्षित संख्या में नहीं आ पाए। इस बार रोडवेज ने 35 बसों को पंचायत चुनाव के लिए भदोही भेज दिया है। इससे भी नवरात्र मेला में आने वाले श्रद्धालु प्रभावित हुए।