सबरीमाला मंदिर की तीर्थयात्रा के लिए 41 दिनों वाले मंडला व्रतम की शुरुआत
उच्चतम न्यायालय के सबरीमाला मंदिर में प्रत्येक आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मसले को सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सुपुर्द करने के बाद रविवार को केरल में पहाड़ी क्षेत्र पर स्थित भगवान अयप्पा के...
उच्चतम न्यायालय के सबरीमाला मंदिर में प्रत्येक आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मसले को सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सुपुर्द करने के बाद रविवार को केरल में पहाड़ी क्षेत्र पर स्थित भगवान अयप्पा के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के लिए 41 दिनों तक चलने वाली तीर्थयात्रा मंडला व्रतम की शुरुआत हो गयी।
तमिलनाडु में भगवान अयप्पा के सभी मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी। इसके अलावा भगवान श्री गणेश, भगवान अम्मन और भगवान शिव के मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी। सबरीमाला मंदिर के लिए तीर्थयात्रा शुरू करने से पहले 41 दिनों तक चलने वाली मंडला व्रतम नामक धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत हो गयी जिसमें श्रद्धालु पवित्र तुलसी की माला पहनते हैं।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने गुरुवार को सबरीमाला मामले में 3:2 के बहुमत का फैसला सुनाया। संविधान पीठ ने धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश जैसे व्यापक मसले को सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सुपुर्द कर दिया। इस बीच पीठ ने कहा कि सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के संबंध में पूर्व का फैसला वृहद पीठ का अंतिम निर्णय आने तक बरकरार रहेगा।
Kerala: Devotees throng #SabarimalaTemple to offer prayers. The temple opened yesterday evening for the Mandala Pooja festival. pic.twitter.com/C2xLNYXZfB
— ANI (@ANI) November 17, 2019