22 जनवरी को एक दूसरे से सिर्फ 2 डिग्री की दूरी पर नजर आएंगे शुक्र और बृहस्पति, जानिए क्या है इसका अर्थ
शुक्र जिसे अंग्रेजी में वीनस यानि सुंदरता की देवी कहा जाता है। ज्योतिष में इसे स्त्री ग्रह भी माना जाता है। यह वृषभ व तुला राशियों के स्वामी हैं और इन्हें दैत्यगुरु भी माना जाता है। यह 22 जनवरी...
शुक्र जिसे अंग्रेजी में वीनस यानि सुंदरता की देवी कहा जाता है। ज्योतिष में इसे स्त्री ग्रह भी माना जाता है। यह वृषभ व तुला राशियों के स्वामी हैं और इन्हें दैत्यगुरु भी माना जाता है। यह 22 जनवरी मंगलवार को तड़के देवताओं के गुरु और सौरमंडल के सबसे विशाल ग्रह बृहस्पति के साथ अनोखे संयोग में नजर आएंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो देव और दैत्य गुरु का यह दुर्लभ संयोग होगा।
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यह साल 2019 की एक अन्य खगोलीय घटनाओं में से एक होगी। 22 जनवरी की भोर में आसमान में एक दूसरे के बेहद करीब होंगे। खगोलशास्त्रियों के मुताबिक यह दोनों ग्रह एक दूसरे से सिर्फ 2 डिग्री की दूरी पर नजर आएंगे। इससे एक दिन पहले ही यानी 21 जनवरी को दुनिया के कुछ हिस्सों में लोगों ने पूर्ण चंद्र ग्रहण का नजारा देखा।
सिर्फ इतना ही नहीं 30 जनवरी की भोर में भी एक और और संयोग के साथ लोगों की आंखें खुलेंगी। इसमें शुक्र और बृहस्पति के साथ चंद्रमा भी करीब आ जाएगा। 31 जनवरी की रात तक यह तीनों आकाशीय पिंड एक साथ आ जाएंगे। चंद्रमा की शुक्र ग्रह से दूरी 2 डिग्री नजर आएगी।
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