Aarti: पढ़ें जगत के पालनहार भगवान विष्णु की आरती
Bhagwan Vishnu Aarti: तीनों देवों में स्थान विशेष है। भगवान विष्णु पूरे जगत के पालन और कल्याण की जिम्मेदारी उठाते हैं, जिस वजह से उन्हें पालनहार भी कहा जाता है। भगवान विष्णु की पूजा में उनकी आरती का...
Bhagwan Vishnu Aarti: तीनों देवों में स्थान विशेष है। भगवान विष्णु पूरे जगत के पालन और कल्याण की जिम्मेदारी उठाते हैं, जिस वजह से उन्हें पालनहार भी कहा जाता है। भगवान विष्णु की पूजा में उनकी आरती का पाठ करने से शुभ फल मिलता है। आइए, पढ़तें भगवान विष्णु की पूरी आरती...
भगवान विष्णु जी की आरती...
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय...॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय...॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय...॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय...॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय...॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय...॥