ज्योतिष: आंख फड़कना इस बात की ओर करता है इशारा...
अंगों का फड़कना अमूमन हर किसी के साथ होता है। प्राचीन समय से ही अंगों के फड़कने को लेकर तमाम तरह के आकलन भी हैं। ज्योतिष में शरीर के हर अंग के फड़कने को लेकर फल जुड़ा हुआ है। आज जानिए, आंख...
ज्योतिष: आंख फड़कना इस बात की ओर करता है इशारा...
अंगों का फड़कना अमूमन हर किसी के साथ होता है। प्राचीन समय से ही अंगों के फड़कने को लेकर तमाम तरह के आकलन भी हैं। ज्योतिष में शरीर के हर अंग के फड़कने को लेकर फल जुड़ा हुआ है। आज जानिए, आंख फड़कने के क्या हैं मायने। आगे की स्लाइड में जानें क्या होता है आंख फड़कने का मतलब:
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ज्योतिष के अनुसार आंख फड़कना मतलब
महिला हो या पुरुष आंख सबसे अधिक फड़कती है। यदि दायीं आंख ऊपर की ओर के फलक में फड़कती है तो धन एवं कीर्ति की वृद्धि होती है। नौकरी में पदोन्नति होती है। यदि नीचे का फलक फड़कता है तो अशुभ घटना घटित होने की आशंका रहती है।
बाईं आंख का उपरी फलक फड़कने पर शत्रुता बढ़ती है। नीचे का फलक फड़कता है तो किसी से बिना वजह बहस हो सकती है या फिर अपमान सहना पड़ सकता है।
बाईं आंख की नाक की ओर का कोना फड़के तो शुभ होता है। पुत्र प्राप्ति का संदेश मिल सकता है। ऐसा होने पर किसी प्रिय व्यक्ति से मुलाक़ात भी संभव है।
दांयी आंख फड़कना भी अच्छा होता है। लेकिन महिला की दांयी आंख फड़कना अशुभ माना जाता है।
दोनों आंख एकसाथ फड़क का फल महिला-पुरुष दोनों में समान होता है। ऐसा होने पर किसी बिछुड़े मित्र से मुलाकात हो सकती है।
पीछे की ओर दाईं आंख का फड़कन अच्छा नहीं होता। बाईं आंख ऊपर की ओर फड़के तो फल शुभ होता है। स्त्री की बाईं आंख फड़कना शुभ माना जाता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।