पीरियड्स में रख सकते हैं करवा चौथ का व्रत? 5 स्टेप्स में जानें पूजा करने का सही तरीका
संक्षेप: Karwa Chauth Puja In Periods: हिंदू धर्म में करवा चौथ की पूजा का विशेष महत्व है। इसकी पूजा के कई नियम हैं और साथ ही इस दौरान शुद्धता का पूरा ध्यान रखना होता है। ऐसे में क्या पीरियड्स के दौरान ये व्रत रखा जा सकता है?

करवा चौथ का व्रत प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक होता है। इस साल ये व्रत 10 अक्टूबर यानी कि कल होगा। हर साल ये कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष को ही पड़ती है। फिल्मों और गानों की वजह से इस व्रत को एक मॉर्डन टच तो मिल गया है लेकिन इसे रखना उतना ही कठिन है। इस व्रत के कई नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है। सरगी खाने के बाद सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक इस निर्जला व्रत को रखा जाता है। शाम के समय चांद के दीदार के साथ ही इस व्रत को खोला जाता है। नियमों पालने करने के साथ-साथ इस व्रत की पूजा में शुद्धता भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।
अब ऐसे में करवाचौथ से पहले ही अगर किसी को पीरियड्स हो जाए तो उसे क्या करना चाहिए? क्या पीरियड्स में की गई करवा चौथ की पूजा को पाप माना जाता है? या फिर इस दौरान किए गए व्रत का उल्टा प्रभाव पड़ेगा? ऐसे कई सवाल हैं जो किसी के भी मन में आने स्वाभाविक हैं। ऐसे में जानते हैं कि अगर कोई पीरियड्स के दौरान करवा चौथ का व्रत रखें तो उसे किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए? नीचे जानें स्टेप वाई स्टेप पूजा करने का आसान सा तरीका...
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पीरियड्स में पूजा करने का सही तरीका
1. सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि आपको पूजा खुद नहीं करनी है। करवा चौथ की पूजा आप घर की किसी अन्य महिला या फिर अपने पार्टनर से करवा सकती हैं।
2. दूसरी बात आपको ध्यान में रखनी है कि पूजा का कोई भी सामान आपको नहीं छुना है। इस व्रत की कथा को आप आराम से सुन सकती हैं। पूजा स्थल से थोड़ा सा दूर हटकर बैठ जाएं।
3. पीरियड्स की वजह से भले ही आप करवा चौथ की पूजा ना कर पाएं लेकिन सोलह श्रृंगार से साथ साड़ी या लंहगा जो भी आपको पहनना है उसे पहनें। इस दौरान आप करवा माता का ध्यान कर सकती हैं।
4. शाम को चांद को अर्घ्य देने के बाद आप अपना व्रत पारण कर लें।
5. आखिरी और सबसे जरूरी बात अगर आपके मन में इस व्रत को लेकर सच्ची भावना है तो आप जिस भी स्थिति में पूजा करें चंद्रदेव भगवान और करवा माता जरूर प्रसन्न होती हैं। ऐसे में पीरियड्स की वजह से मन को भारी ना करिए। सच्ची भावना के साथ व्रत को रखिए और इसे पूरा करिए।
बदल रही दुनिया तो बदल रही सोच
वैसे देखा जाए तो हिंदू धर्म में शुरुआत से ही पीरियड्स के दौरान आराम करने की सलाह दी गई है। इसके पीछे की वजह अशुद्धता बिल्कुल भी नहीं है। सदियों से इसे आराम करने का समय माना गया। वहीं कई लोगों के घरों में इस दौरान पूजा करना और व्रत का हिस्सा बनना सही नहीं माना गया। हालांकि अब दुनिया बदलने के साथ ही साथ लोगों की सोच भी बदल रही है। ऐसी सलाह दी जाती है कि अगर कोई महिला शारीरिक रूप से स्वस्थ है तो वह कोई भी व्रत रख सकती है। हालांकि इस दौरान डिहाइड्रेशन ना हो तो इसके लिए नारियल पानी वगैरह बीच में लेते रहना चाहिए। वहीं व्रत रखने और ना रखने का फैसला सिर्फ और सिर्फ महिला का होना चाहिए।
डिस्क्लेमर- (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)

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