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हिन्दू कैलेंडर 2021

अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से देखें तो जनवरी को हिन्दू कैलेंडर में पौष का महीना कहते हैं। लेकिन हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र के महीने से साल शुरू होता है। चैत्र के बाद वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन महीने आते हैं। चैत्र के महीने में चैत्र नवरात्रि और रामनवमी, हनुमान जयंती के त्योहार आते हैं। शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से ही संसार की रचना आरंभ की थी। इसके बाद आता है वैशाख मास, यह मास भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित है। वैशाख मास की चर्चा स्कंद पुराण में भी की गई है, जिसमें बताया गया है कि वैशाख मास के समान कोई मास नहीं है। इसके बाद हिंदू पंचांग का तीसरा महीना यानी ज्येष्ठ माह आता है। इस महीने में जल दान का विशेष महत्व है, क्योंकि इस महीने गर्मी बहुत अधिक होती है। इस महीने में गंगा दशहरा, शीतला अष्टमी, वट सावित्री व्रत और निर्जला एकादशी जैसे प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ते हैं। इसके बाद आता है आषाढ़ का महीना, इसमें योगिनी एकादशी, भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा और देवशयनी एकादशी जैसे व्रत और त्योहार आते हैं। इस महीने की खास बात है कि इस माह की देवशयनी एकादशी से देव सो जाते हैं और चातुर्मास शुरू होता है। इसके बाद सावन का महीना आता है, जिसमें चार महीने के लिए सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव पर आता है। सावन के महीने में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इसके बाद आता है, भाद्रपद का महीना, जिसमें कृष्ण जन्माष्टमी और अनंत चतुर्दशी का व्रत होता है। इसके बाद आता है सातवां महीना यानी अश्विन माह, व्रत और त्योहारों के लिहाज से यह खास है, इसमें शरद पूर्णिमा, मां दुर्गा नवरात्रि, पितृ पक्ष, दशहरा, जीवित्पुत्रिका व्रत जैसे व्रत त्योहार पड़ते हैं। इस साल 15 अक्टूबर 2023 से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाएगा। 24 अक्टूबर को दशहरा और 12 नवंबर 2023 को दीपावली का त्योहार आएगा और 19 नवंबर को छठ पूजा मनाई जाएगी। इसके बाद कार्तिक का मास आता है, जो बहुत ही खास है, इस मास में सोए देव उठ जाते हैं और कई बड़े व्रत और त्योहार कार्तिक मास में मनाए जाते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन उठ जाएंगे। इसके साथ ही मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे। कार्तिक मास में रमा एकादशी, धनतेरस, दिवाली, नरक चतुर्दशी, भाई दूज, गोवर्धन पूजा, अक्षय नवमी, तुलसी विवाह आते हैं। इसके बाद हिन्दू वर्ष का नवां महीना अगहन आता है, इसमें मोक्षदा, एकादशी, विवाह पंचमी आते हैं। पौष सर्दी के मौसम का पहला महीना होता है। इसके बाद आता है माघ मास, इस महीने में पूजा-पाठ, स्नान-दान, व्रत, जप, साधना, अनुष्ठान करने से अक्षय पुण्य मिलता है, इस महीने में मकर संक्रांति, षटतिला एकादशी, मौनी अमावस्या, लोहड़ी, वसंत पंचमी मनाए जाते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास 12वां माह माना जाता है। इसमें होली जैसा बड़ा त्योहार आता है।और पढ़ें
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हिंदू पंचांग को हिंदू कैलेंडर कहा जा सकता है। पंचांग का अर्थ है पांच अंग वाला, इसलिए इसे पंचांग कहते हैं। इसके पांच अंगों में तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार हैं, जिनसे पूरा कैलेंडर बनता है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से नए साल का पहला महीना जनवरी होता है। वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार साल का पहला महीना चैत्र और फाल्गुन साल का आखिरी महीना होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार एक सौर वर्ष में कुल 12 महीने होते हैं। हर एक माह में दो पक्ष आते हैं पहले 15 दिन शुक्ल पक्ष और दूसरे 15 दिन कृष्ण पक्ष के होते हैं। पहले 15 दिन बाद अमावस्या और अगले 15 दिन बाद यानी महीने के समाप्ति पर पूर्णिमा तिथि आती है। हिंदू पंचांग में हर एक महीने का अपना एक खास महत्व होता है। शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों तारीखों में प्रतिपदा से लेकर चतुर्दशी तक ही तिथियां होती हैं। पूर्णिमा के बाद से नया महीना शुरू होता है। पहली प्रतिपदा (पड़वा), द्वितीया (दूज), तृतीया (तीज), चतुर्थी (चौथ), पंचमी (पंचमी), षष्ठी (छठ), सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि हैं। चतुर्दशी तिथि के बाद अमावस्या और फिर अगले 15 दिन बाद पूर्णिमा आती है। हिन्दू पंचांग में ग्रहण भी बहुत महत्व रखते हैं। आपको बता दें कि साल 2023 में अधिक मास लगा है, जिसकी वजह से सावन का महीना इस साल दो माह का हुआ। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तीन वर्ष पर एक बार अधिक मास आता है, इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। ऐसे में पंचांग के अनुसार, साल 2023 में कुल मिलाकर 26 एकादशी पड़ेगी यानी साल 2023 में दो एकादशी अतिरिक्त होंगी आमतौर पर एक साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। एक साल में 24 चतुर्थी, 24 अष्टमी व्रत, 24 चतुर्दशी, 24 त्रयोदशी और 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं।और पढ़ें

हिंदू कैलेंडर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश् और उत्तर

  • हिंदू पंचांग के अनुसार में कितने महीने होते हैं?

    हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 12 महीने होते हैं। चैत्र साल का पहला और फाल्गुन साल का आखिरी महीना होता है।

  • हिंदू पंचांग में आने वाले महीनों के नाम बताएं?

    हिंदी कैलेंडर में आने वाले सभी महीनों के नाम इस प्रकार हैं- चैत्र, बैसाखी, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन।

  • अधिकमास क्या है?

    हिंदू पंचांग के अनुसार हर 3 साल में एक बार एक अतिरिक्त माह होता है, जिसे अधिक मास या पुरुषोत्तम मास कहा जाता है।

  • एक साल में कितनी एकादशी आती हैं?

    वैसे पंचांग के अनुसार आमतौर पर साल में 24 एकादशी होती हैं,लेकिन जब अधिकमास होता है, तब दो एकादशी और जुड़ जाती हैं और 26 एकादशी होती हैं।

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